बुधवार, 2 अक्टूबर 2019

पिता के नक्शे कदम पर अंशू चौबे

छोटी उम्र, बड़ी कामयाबी
- अरुण बंछोर
जब पिता के नक़्शे कदम पर बेटा चलने लगता है तब बाप का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. इसका एक छोटा सा उदाहरण है अंशु चौबे। छत्तीसगढ़ के जाने माने निर्माता, निर्देशक, अभिनेता धर्मेंद्र चौबे के बेटे अंशु चौबे
अपने पिता के नक़्शे कदम पर चल रहे हैं. उम्र छोटी जरूर है पर उन्होंने काम बड़ा किया है. एक शार्ट फिल्म का ना केवल निर्देशन किया है बल्कि कहानी भी खुद ही लिखे हैं पटकथा संवाद सब कुछ उन्ही का ही है. ये सब गुण धर्मेंद्र चौबे में है.अंशु भी एक अभिनेता के रूप में उभरकर सामने आया है | अपने पिता के प्रोडक्शन हाउस में बनी " बरात ले के आ जा" फिल्म में अपने ही पिता के बचपन का रोल निभाया है. उनमे जोश और कुछ कर गुजरने का जज्बा है. फिल्म के सेट पर पिता पुत्र धर्मेंद्र और अंशू दोनों ही हमें मिले तो हमने अंशु से बात की. उनका कहना है कि आगे चलकर अपने पिता की तरह ही एक अच्छे निर्माता, निर्देशक और अभिनेता बनना चाहेंगे। अंशु चौबे का कहना है कि मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। स्कूल में नाटकों में भाग लिया करता था ,जब जब टीवी देखता था तब तब मुझे लगता था कि मुझे भी कुछ बनना चाहिए। वे अपने पिता धर्मेंद्र चौबे को ही अपना रोल मॉडल और प्रेरणाश्रोत मानते हैं. उनके मन में आया तो बिना किसी की मदद के एक शार्ट फिल्म भी बना डाला। वे कहते हैं कि शुरू से ही मै एक्टिंग को कॅरियर बनाने की सोचकर चला था। अब इसी लाईन पर काम करता रहूंगा। लगातार काम करूंगा। मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगा , लेकिन चुनौतीपूर्ण रोल ज्यादा पसंद है। अपनी ख्वाहिश बताते हुए अंशु कहते हैं कि छालीवुड में कुछ करके दिखाना चाहता हूँ। अब लगातार फिल्मो में ही काम करते रहने की तमन्ना है। मै चाहता हूँ कि लोग मुझे बेस्ट फिल्मकार के रूप में जानें।
मुझे गर्व है उनके काम पर - धर्मेंद्र
निर्माता, निर्देशक, अभिनेता धर्मेंद्र चौबे अपने बेटे अंशु चौबे पर काफी गर्व महसूस करते हैं. वे कहते हैं की मेरा बेटा मुझसे भी ज्यादा अच्छा काम करे तो मेरा जीवन सफल हो जाएगा। वे एक अच्छे निर्माता, निर्देशक, अभिनेता बने यही तमन्ना है. उनकी दिलचस्पी को देखकर ही फिल्म " बरात ले के आ जा" में उन्हें मौका दिया है. उन्होंने शानदार अभिनय किया है.

रविवार, 14 जुलाई 2019

छालीवुड का भविष्य बेहतर है - शिखा


देश की बेहतरीन अदाकारा की राय

- अरुण कुमार बंछोर
छत्तीसगढ़ की बेटी शिखा चिताम्बरे आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है. उन्होंने छालीवुड से बॉलीवुड तक का सफर पूरा कर लिया है. एलबम से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली शिखा चिताम्बरे ने छत्तीसगढ़ी फिल्मों के बाद भोजपुरी फिल्म और कई टीवी धारावाहिकों में अपने अभिनय का जलवा दिखाया है. शिखा की सारी छत्तीसगढ़ी फिल्मे लगभग हिट रही है. वे गायिका भी है और यह कला उन्हें माँ से विरासत में मिली है.इन दिनों शिखा चिताम्बरे फिल्म जोहार छत्तीसगढ़ की शूटिंग में व्यस्त है. वे कहती हैं कि छालीवुड का भविष्य बेहतर हैं.आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ की जनता हमारी छत्तीसगढ़ी फिल्मों को ही देखना पसंद करेगी। शिखा से हमने जोहार छत्तीसगढ़ के सेट पर हर पहलुओं पर बात की है पेश है बातचीत के सम्पादित अंश.
0 आपने अपने कॅरियर के लिए फिल्म लाईन को ही क्यों चुना?

00 बचपन से ही मुझे डांस और गायन में रूचि रही है. कुछ अच्छा करने की तमन्ना थी तो आ गई। एलबम से कॅरियर की शुरुआत की फिर फिल्मे की और बाद में मुंबई जाकर धारावाहिकों में काम किया।
0 इस क्षेत्र में कब से है और कैसे ब्रेक मिला?
00 इस क्षेत्र में मै 13 साल की उम्र से हूँ। मुझे मिस छत्तीसगढ़ स्पर्धा से ब्रेक मिला। मै भरतनाट्यम नृत्यांगना हूँ। मैंने राष्ट्रीय स्तर पर दो बार इस कला में विजेता होने की उपलब्धि हासिल की है फेमिना के एक शो में मै भरतनाट्यम परफोर्म कर रही थी संयोग से उस दौरान छत्तीसगढ़ी फिल्मो के कलाकारों की एक टीम वह मौजूद थी उन्होंने मुझे वीडियो एलबम्स में काम करने प्रस्ताव दिया वही से मुझे अभिनय जगत में प्रवेश मिला।
0  छालीवुड का भविष्य कैसा है?
00 छालीवुड का भविष्य बेहतर हैं.आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ की जनता हमारी छत्तीसगढ़ी फिल्मों को ही देखना पसंद करेगी।
0 फिर आप मुम्बई छोडक़र छत्तीसगढ़ क्यों लौट आई ?
00 मुझे छत्तीसगढ़ अच्छा लगता है। जब जब मुझे छत्तीसगढ़ी फिल्मे मिलेगी मै जरूर करूंगी। छत्तीसगढ़ी फिल्मो में  मेरा अपना नाम है। छत्तीसगढ़ , छत्तीसगढ़ी फिल्मो और छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति मुझे बहुत लगाव है। मै इसके के लिए कुछ करना चाहती हूँ , जिससे छत्तीसगढ़ का नाम मेरे साथ जुड़े।
0 आपके प्रेरणाश्रोत कौन है?
00 मेरी माँ ही मेरी प्रेरणाश्रोत है। उन्होंने मझे बहुत सपोट किया ,जिसके कारण आज मै इस मुकाम पर हूँ।
0 आप अपना आदर्श किसे मानते है ?
00 श्रीदेवी को। वे बहुत ही नेकदिल इंसान रही है। मैंने उन्हें फॉलो भी करती रही हूँ।
0 फिल्मो में काम करने के अलावा आपकी और क्या करती है ?
00 जैसा की आप जानते है की मै छत्तीसगढ़ी फिल्मो में काम कर रही हू इसके अलावा मै ये बताना चाहती हू की मै बी एस सी आई टी में स्नातक हू और पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय से एम बी ए की पढाई की हू और कला जगत से तो मेरा जुडाव है ही चित्रकारी नृत्य और गायन मुझे बेहद पसंद है बस इन्ही से जुडी गतिविधिया है मेरी।
0 भविष्य की क्या योजना है ?
00 बस एक अच्छा इंसान और एक अच्छी एक्ट्रेस के रूप में पूरे देश में नाम कमाने की तमन्ना है।

रंगोबती का हर किरदार दमदार है

पुष्पेंद्र सिंह के निर्देशन है काबिले तारीफ

- श्रीमती केशर सोनकर
 
हीरा क्रिएशन फिल्म के बैनर तले बनी फिल्म रंगोबती का हर किरदार दमदार है. हम यह इसलिए कह रहे हैं क्योकि फिल्म के डायरेक्टर पुष्पेंद्र सिंह हैं जो अपनी फिल्म में किसी प्रकार का समझौता नहीं करते। चाहे वह कलाकार का चयन हो या वेशभूषा हो या अन्य कोइ सुविधाएं हो. फिल्म की बेहतरी के लिए जो चाहिए वे सब करते हैं.
इस फिल्म की सबसे अच्छी बात यह है कि कलाकारों का चयन पात्र के अनुसार ही हुआ है. निर्माता कोइ नाम सुझाते थे और वह पात्र पर फिट नहीं बैठते तो तो निर्देशक पुष्पेंद्र सिंह साफ़ मना कर देते थे. यही एक अच्छे निर्देशक का सबसे बड़ा गुण है.फिल्म में सभी स्टार कास्ट हैं. नायक अनुज शर्मा को तो आप जानते ही हैं. वे सुपर स्टार हैं ही और एक अच्छे गायक भी. वे पहली बार महिला के किरदार में दिखेंगे। नायिका लेजली त्रिपाठी बॉलीवुड फेम है. वे एक ऐसी नायिका है कि उनकी अदाकारी छत्तीसगढ़ में सबसे बेहतर है. फिल्म में शैलेन्द्र भट्ट और संगीता निषाद की जोड़ी दर्शकों को खूब हंसाएगी। दोनों ही कलाकार नए रूप में नजर आएंगे। संजना , प्रदीप शर्मा और निशांत उपाध्याय ने तो कमाल ही किया है. ये भी लोगों का मनोरंजन करते नजर आएंगे। इनके अलावा सभी कलाकारों की भूमिका दमदार है. कहानी प्यार और रोमांस पर आधारित है. हम विस्तार से नहीं बताएँगे। इसे जानने के लिए आपको टाकीज तक जाना होगा।

छत्तीसगढ़ के अनोखे कलाकार हैं ‘डॉ अजय सहाय’


छत्तीसगढ़ के नामी कलाकार डॉ अजय सहाय को हम अनोखे कलाकार इसलिए कह रहे क्योकि वे सदाबहार हैं. सभी प्रकार के रोल वे बखूभी निभाते हैं. कभी भिखारी, कभी किसान, कभी पागल, कभी इन्स्पेक्टर, कभी नेता, कभी विलेन तो कभी मुनीम। सभी रोल में हम उन्हें देख चुके हैं. ये चित्र हैं उनकी एक अनाम फिल्म की जिसकी शूटिंग अभी चल रही है. इस फिल्म में वे चन्द्रभान सिंह ठाकुर की भूमिका में है. दाऊ चंद्रभान क़ाफी अनुशासित व्यक्ति हैं. इस भूमिका को भी वे जीवंत बनाये हुए हैं.

डॉ अजय सहाय इसलिए भी अनोखे हैं क्योकि वे सिर्फ कलाकार ही नहीं, नायक, खलनायक, लेखक, निर्देशक साहित्यकार, कवि, रंगकर्मी, पटकथा जैसे अनेक कलाओं में पारंगत भी हैं। इन दिनों अपने दर्जन भर फिल्मो के रिलीज ना होने से काफी आहत हैं फिर भी वे लगातार फिल्मे कर रहे हैं . व्यस्तता इतनी ज्यादा है कि उन्हें कई फिल्में छोडऩी पडी है. छत्तीसगढ़ी फिल्मों का वे एक आधार स्तम्भ है। उन्होंने एक नहीं कई भाषाओं की फिल्मो में अभिनय कर सबके सामने एक चुनौती पेश की है। जितने अच्छे वे मधुमेह व् हृदयरोग विशेषज्ञ है उतने ही बेहतर कलाकार है। छालीवुड पर हर भूमिका में एकछत्र राज कर रहे हैं और अपने अभिनय का लोहा मनवा रहे है। हम उन्हें अवार्डों के बादशाह भी कहते हैं। विभिन्न कलाओं और समाजसेवा में उनके नाम 150 से अधिक अवार्ड है. सतीश जैन की हंस झन पगली फंस जाबे, प्रेम चन्द्राकर की लोरिक चंदा, जेठू साहू की सॉरी लव यू, गणेश मेहता की 4 फंटूश (हिंदी), राठौर निर्मित साउंड ऑफ वाटर (हिंदी) उनकी हालिया अभिनीत फिल्में है। हिन्दी धार्मिक फिल्म भक्त माँ कर्मा, अंधियार, कहर जैसी फिल्मों के प्रदर्शित होने का उन्हें ब्रेसब्री से इंतजार है।

पद्मश्री के असली हकदार हैं शिवकुमार दीपक


महिला के रूप में मिली ज्यादा प्रसिद्धि

छत्तीसगढ़ी फिल्म एवं लोक कलाकार शिवकुमार दीपक को आज छत्तीसगढ़ का बच्चा बच्चा जानता है. कचरा बोदरा में कचरा का किरदार निभाने वाले शिवकुमार दीपक को औरतों के रूप में ज्यादा प्रसिद्धि मिली है. वे बताते हैं कि मजाक पहले आदत बनी फिर वही आदत लोगों की चाहत बनती चली गई। स्वभाव से मजाकिया और रुपहले पर्दे पर भी हास्य कलाकार शिवकुमार दीपक आज अपनी उम्र के उस पड़ाव पर हैं जहां लोग बिना सहारे के कुछ नहीं कर पाते हैं.
दुर्ग जिले का पोटिया गांव उन्ही के नाम से जाना जाता है। लोग यह भी कहते हैं कि वही पोटिया गांव ना जहां दीपक जी रहते हैं। शिव कुमार दीपक ने अपना सारा जीवन एक्टिंग में बिता दिए। उन पर खुद एक बायोपिक बननी चाहिए लेकिन वे मंदरा जी की बायोपिक में नजर आएंगे। दीपक जी और स्वर्गीय कमल नारायण सिन्हा की जोड़ी कचरा बोदरा के नाम से प्रसिद्ध हुई और कई फिल्मों में उन्होंने महिला का रूप धारण कर लोगों को खूब हंसाया, लेकिन यह जोड़ी अब नहीं है. कमल नारायण हृदय घात से दिवंगत हो चुके हैं, लेकिन दोनों ने जो कसम खाई थी उसे दीपक निभा रहे हैं लोगों को हंसा कर । बड़ा दुख होता है जब दूसरों को हंसाने वाला खुद चुपचाप रुलाकर रुखसत हो जाता है।
शिव कुमार दीपक जी आज भी अपनी कलाकारी के दम पर लोगों को हंसाते हैं लेकिन उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं जब वे अपने साथी कमल नारायण को याद करते हैं। वे बताते हैं कि कैसे हम दोनों औरतों का रूप धारण करके कॉमेडी किया करते थे, दर्शकों को हमारा किरदार इतना पसंद आया करता था कि जिन फिल्मों के भी ऑफर हमारे पास आते थे सभी महिला के ही किरदार के हुआ करते थे । छत्तीसगढ़ी सिनेमा में जब पद्मश्री के नाम की चर्चा चली तो सभी ने एकमत होकर शिव कुमार दीपक जी का नाम आगे किया था, लेकिन इन्हे अब तक पद्मश्री नहीं मिला। छत्तीसगढ़ में यही एक ऐसे कलाकार हैं जो पद्मश्री का हक रखतें हैं.

खूबियों का खजाना है अनिल शर्मा



0 छत्तीसगढ़ी फिल्मो की क्या संभावनाएं हैं?

  • जब तक टेक्नीकल क्षेत्र में एक्सपर्ट लोग नहीं होंगे तब तक ऐसी ही कमजोर फिल्मे बनती रहेंगी। यहां जिसे जो नहीं आता वही करते हैं । गायक निर्देशक बन जाता है। कोई भी फाइट मास्टर बन जाता है। कोई प्लानिंग नहीं होती । तो आप अंदाज लगा ले कैसी फिल्मे बनेंगी। 

0 छत्तीसगढ़ी सिनेमा अच्छा व्यवसाय करे इसके लिए क्या कर सकते हैं?
00 यहां फिल्मे कमजोर बन रही है । फिल्मे नहीं चल पाती इसकी वजह भी हैं और वो सब जानते हैं कि पिछड़े हुए राज्य में टॉकीजों का विकास नहीं होना। छत्तीसगढ़ में मिनी सिनेमाघर दो सौ दर्शकों की क्षमता वाली टॉकिजों की बड़ी आवश्यकता है जहां छत्तीगसढ़ी फिल्मों के दर्शक आसानी से पहुंच सके।
0 आपको एक्टिंग का शौक कब से है ?
00 मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। जब मै छोटा था तब पहली फिल्म देखा था ,तब से कुछ अलग करने की सोच ली थी। मन में लगन हो तो सब संभव है। मैंने थियेटर ज्वाइन किया और आज इस मुकाम पर हूँ।
0 छालीवुड की क्या सम्भावनाये दिखती है?
00 बेहतर है। आने वाले समय में यहां की फिल्मे बॉलीवुड की तरह ही चलेंगी।यहां फिलहाल दर्शकों की कमी है। लोगो में अपनी भाषा के प्रति वो रूचि नहीं है जो होनी चाहिए और जो दर्शक है उनकी रुझान हिन्दी फिल्मो की ऑर है।
0 तो छालीवुड की फिल्मे दर्शकों को क्यों नहीं खीच पा रही है?
00 क्योकि यहां की फिल्मो में अपनी संस्कृति और मौलिकता की कमी झलकती है। कलाकारों का चयन भी पात्रों के अनुसार नहीं होता क्योकि निर्माता सबसे पहले फाइनेंसर की तलाश में होता है। जो पैसा लगाता है वो कलाकार बन जाता है।
0 फिर मौका कैसे मिला और आपके प्रेरणाश्रोत कौन है ?
00 एक्टिंग मैंने खुद से सीखा है। मेरा कोई रोल मॉडल नहीं है। मै थियेटर से आया हूँ।
0 कभी आपने सोचा था की फिल्मो को ही अपना कॅरियर बनाएंगे ?
00 नहीं ! किस्मत ने मुझे फिल्मो में खींच लाया और अब इसी लाईन पर काम करता रहूंगा। लगातार काम करूंगा।
0  छालीवुड फिल्मो में आपको कैसी भूमिका पसंद है या आप कैसे रोल चाहेंगे।
00 मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगा ताकि मुझे सभी प्रकार का अनुभव हो। छोटे बड़े सभी रोल मुझे पसंद है। मैं किसी भी भाषा की फिल्म हो जरूर करूंगा।
0 सरकार से आपको क्या अपेक्षाएं हैं?
00 सरकार छालीवुड की मदद करे। टाकीज बनवाए, नियम बनाये , टाकिजों में छत्तीसगढ़ी फिल्म दिखाना अनिवार्य करे। छत्तीसगढ़ी फिल्मो को सब्सिडी दें ताकि कलाकारों को भी अच्छी मेहनताना मिल सके।
0 आप फिल्मो में भूमिका को लेकर कैसा महसूस करते हैं ?
00
जब मैं कोई भूमिका निभाता हूँ तो पहले गंभीरता से मनन करता हूँ। फिर उसमे पूरी तरह से डूब जाता हूँ।

हेमा की छालीवुड में धमाकेदार एंट्री


दो साल में सात फिल्में

छत्तीसगढ़ की एक छोटे से स्कूल से छालीवुड में आने वाली हेमा शुक्ला की एंट्री धमाकेदार रही है. धमाकेदार हम इसलिए कह रहे हैं क्योकि हेमा ने महज दो साल में सात फिल्मे कर ली है. सोल्जर छत्तीसगढिय़ा से उन्होंने फिल्म में प्रवेश की है और अब लगातार फिल्मे कर रही हैं. हेमा अपने अपने कॅरियर की शुरुवात मॉडलिंग से की है और वे सिर्फ लीड रोल ही करना चाहती है.
 वे कहती हैं कि मुझे बचपन से ही मॉडलिंग का शौक है। मै जब भी टीवी में मॉडलों को देखती हूँ तब तब मै रोमांचित हो उठती हूँ। मैंने मॉडलिंग की कोई ट्रेनिंग नहीं ली है। खुद से करती हूँ। ये मेरा शौक है लेकिन अब फिल्म ही करना चाहूंगी। मेरा कोई प्रेरक भी नहीं है मै खुद ही इस क्षेत्र में आगे बढ़ रही हूँ। न मैंने किसी से सीखा है और न ही किसी ने मुझे इस क्षेत्र में कदम रखने की प्रेरणा ही दी है। हेमा में काम के प्रति जूनून है. उनका कहना है कि बचपन से ही मुझे फिल्म देखने और कुछ करने की रूची रही है। और एक बार मै मन में कुछ ठान लेती हूँ तो करती जरूर हूँ। वे कहती हैं कि छालीवुड की सम्भावनाये बेहतर है। आने वाले समय में यहां की फिल्मे बॉलीवुड की तरह ही चलेंगी।यहां फिलहाल दर्शकों की कमी है। लोगो में अपनी भाषा के प्रति वो रूचि नहीं है जो होनी चाहिए । थियेटरों की कमी को सरकार पूरा करे। हेमा छालीवुड में कुछ करके दिखाना चाहती है।

चार भाषाओं में एक साथ फिल्म करेंगी माहिरा


छत्तीसगढ़ी फिल्म राधे अंगूठा छाप से छालीवुड में कदम रखने वाली माहिरा खान यूँ तो कई फिल्मे कर चुकी है लेकिन बड़े परदे पर आने वाली यह उनकी पहली फीचर फिल्म है।
वे कहती है कि पहली ही फिल्म में सुपर स्टार करण खान के साथ काम करने का अपना अलग ही मजा है। फिल्म की शूटिंग चल रही थी तब मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है। अच्छा सोचकर इस लाईन में कदम रखी हूँ तो एक दिन छालीवुड में कुछ बनकर जरूर दिखाउंगी। माहिरा अभी एक साथ चार भाषाओं की फिल्म में काम करने वाली है.हिन्दी ओडिया भोजपुरी और साउथ की फिल्मे उन्होंने साइन की है. सभी फिल्मों में लीड रोल में होंगी। माहिरा फिल्मो के लिए कई भाषाए और डांस सीख रही है. उनका कहना है कि मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। एक्टिंग मैंने खुद से सीखा है । मेरा कोई रोल मॉडल नहीं है। करन खान ने मुझे मेरा काम देखा और मौका दिया। वे कहती हैं कि शुरू से ही मै एक्टिंग को कॅरियर बनाने की सोचकर चल रही थी। इसी लाईन पर काम करती रहूंगी। एक प्रश्न के जवाब में माहिरा कहती है कि मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगी ताकि मुझे सभी प्रकार का अनुभव हो। छोटे बड़े सभी रोल मुझे पसंद है। जब मैं कोई भूमिका निभाती हूँ तो पहले गंभीरता से मनन करती हूँ। महिरा कभी निराश नहीं होती। वे छालीवुड में कुछ करके दिखाना चाहती है। अपनी मेहनत से एक अच्छी एक्ट्रेस बनना चाहती है।

रविवार, 2 जून 2019

छत्तीसगढ़ी फिल्मी कलाकारों का जलवा महाराष्ट्र में भी

छत्तीसगढ़ी फिल्मी कलाकारों का जलवा अब महाराष्ट्र में भी दिखने लगा है. छत्तीसगढ़ में चर्चित हर लोगों के जुबान पर छाये गीत 'गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकालÓ अब महाराष्ट्र में भी छा गया है. 

जबलपुर के श्याम बैरागी ने अपने ही लिखे गीत को अपने आवाज में बड़ी ही खूबसूरती से गया है जिसे रायपुर के कोरियोग्राफर मनोज दीप ने छत्तीसगढ़ी फिल्मी कलाकारों को लेकर एक वीडियो एलबम बनाया है जो छत्तीसगढ़ में काफी लोकप्रिय है.इससे प्रेरित होकर अब महाराष्ट्र में भी इसकी मांग बढ़ गयी है. नगर परिषद बीड महाराष्ट्र एवं गार्बेज क्लिनिक की ओर से गीत गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल को फिल्माया गया है , जिस के डायरेक्टर मनोज दीप हैं और गायक श्याम बैरागी है। स्वच्छ भारत अभियान का ये गीत  पहले ही छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश ओडिशा में काफी पॉपुलर हो चुका है जिसका वीडियो यूट्यूब में भी धूम मचा रखा है. मनोजदीप ने बताया कि बीड शहर महाराष्ट्र के लिए स्वच्छ भारत अभियान के तहत इस गाने की शूटिंग करने को कहा जिसे सुनकर वह राजी हो गए और महाराष्ट्र में सफलतापूर्वक गाने की शूटिंग की.

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निर्देशक सूरजचन्द्र रथ को बालीफूल पर भरोसा

- अरुण कुमार बंछोर
  • छत्तीसगढ़ में बन रही फिल्म च्च्बॉलीफूल वेलकम टू बस्तरज्ज्के निर्देशक सूरजचन्द्र रथ को भरोशा है कि उनकी फिल्म दर्शकों को खूब भाएगी।उनका कहना है की इस फिल्म के लिए सारे कलाकार बेहद मना कर रहे हैं.मेरी खुद की कोशिश है कि शत -प्रतिशत परिणाम दूँ. छत्तीसगढ़ में फिल्म व्यवसाय नहीं कर पाती इस बारे में उनका कहना है कि यहां एक ही तरह की फिल्मे बंनती है. जिससे दर्शक बोर हो गए हैं. अलग अलग तरह की फिल्मे बनती रहना चाहिए.
'बॉलीफूल वेलकम टू बस्तरÓ छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली फिल्म होगी जो वास्तविकता से परिपूर्ण बस्तर की संस्कृति पर बनाई जा रही है. इस फिल्म में वो सब कुछ होगा जो दर्शकों को चाहिए होता है. इसलिए मुझे भरोसा है कि हमनारी फिल्म दर्शकों को बनहुत पसंद आएगी । 'बॉलीफूल वेलकम टू बस्तरÓ के सेट पर हमने उनसे फि़ल्म के बारे में बातचीत की.

0 आपको बस्तर और बॉलीफूल पर फिल्म बनाने की क्यों सूझी?
दरअसल यहां एक ही तरह की फिल्मे बनती है. मुझे लगा कि अपने राज्य और उनकी संस्कृति के बारे में जनता को जानकारी होनी चाहिए।इसलिए मैंने च्च्बॉलीफूल वेलकम टू बस्तरज्ज् बनाने का निर्णय लिया , जो सच से परिपूर्ण है.
ऐसा क्या है इस फिल्म में जो दर्शक फिल्म देखे ?
इस फिल्म में हमने बस्तर की संस्कृति को दिखाने की कोशिश की है.बॉलीफूल एक प्यार की पहचान है गर्लफ्रेंड है. उसे फिल्म के माध्यम से हमने बताने का प्रयास किया है. मनोरंजन, कॉमेडी, एक्शन और रोमांस है जो दर्शकों को पसंद आएगी। प्यार और समस्या को खूबसूरती से फिल्माया गया है.
0 बस्तर और समाज को लेकर इस फिल्म में क्या है ?
सब कुछ है बॉलीफुल एक प्रेम कहानी पर आधारित है.सामाजिक समस्याएं क्या क्या आती है उसे कैसे सुलझाया जाता है, हमने फिल्म में दर्शाया है. खूबसूरत सामाजिक सन्देश है इस फिल्म में.
0 सवाल उठ रहा है कि इस फिल्म की शूटिंग बस्तर में क्यों नहीं की जा रही है?
बस्तर में भी शूटिंग करेंगे। खूबसूरत वादियों को दिखाया गया है. बस्तर में शूटिंग न करने की बात सही नहीं है. शूटिंग मुम्बई से शुरू हुई है और बस्तर में जाकर ख़त्म होगी।
0 कहा जा रहा है कि फिल्म में बस्तर की संस्कृति का मजाक उड़ाया जा रहा है?
छत्तीसगढ़ में बन रही फिल्म 'बॉलीफूल वेलकम टू बस्तरÓ के निर्देशक सूरजचन्द्र रथ को भरोशा है कि उनकी फिल्म दर्शकों को खूब भाएगी।उनका कहना है की इस फिल्म के लिए सारे कलाकार बेहद मना कर रहे हैं.मेरी खुद की कोशिश है कि शत -प्रतिशत परिणाम दूँ. छत्तीसगढ़ में फिल्म व्यवसाय नहीं कर पाती इस बारे में उनका कहना है कि यहां एक ही तरह की फिल्मे बंनती है. जिससे दर्शक बोर हो गए हैं. अलग अलग तरह की फिल्मे बनती रहना चाहिए.
0 कहा जा रहा है कि फिल्म में बस्तर की संसकृत्रि का मजाक उड़ाया जा रहा है?
ऐसा बिलकुल भी नहीं है. हम बस्तर की संस्कृति से ही दर्शकों को अवगत करा रहे हैं. जो बाते मीडिया में आई है वह सच से परे है.कुछ फोटोग्राफ्स सोशल मीडिया में आया है वह फिल्म से सम्बंधित नहीं है , वह निजी है.जनता इस पर ध्यान ना दे.
0 फिल्म बनाने के कोइ ख़ास अनुभव जो सामने आया हो ?
फिल्म बनाने में अनुभव अच्छा ही रहा है. सारे कलाकार बेहद मेहनत और सहयोग कर रहे हैं. चिलचिलाती धुप में शूटिंग करना बड़ी चुनौती है फिर भी हमारे कलाकार डटे हुए हैं.
0 आपकी नजर में ऐसा क्या है कि छत्तीसगढ़ी फिल्म व्यवसाय क्यों नहीं कर पा रही है?
कांसेप्ट अच्छी हो , अलग अलग तरह की फिल्म बने तो जरूर चलेगी। यहां एक ही तरह की फिल्मे बनती है.इसलिए दर्शक ऊब जाते हैं. इस फिल्म में वो सब कुछ है जो दर्शक को चाहिए होता है.
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बस्तर को समझने के लिए प्रेरित करेगी फिल्म 'बालीफूलÓ

      लंबे समय के बाद बस्तर की सुकुमारिता, वहां के प्राकृतिक सौन्दर्य और जंगलों की खूबसूरती को आधुनिक परिवेश से जोड़ते हुए छत्तीसगढ़ी फिल्म 'बाली फूलÓ बनने जा रही है। बहुत कम लोग जानते हैं कि 'बाली फूलÓ बस्तर के जंगलों में पैदा होने वाला फूल है जो बेहद कोमल होता है। लोग 'बाली फूलÓ के शब्दार्थ को समझ सकें इसलिए इस फिल्म के नाम 'बाली फूलÓ के साथ वेलकम टू बस्तर भी शामिल किया गया है। 
इस फिल्म के निर्माता अजय अग्रवाल हैं और निर्देशन सूरज चन्द्र रथ कर रहे हैं। सालों पहले सूरज चन्द्र रथ ने 'आमचो बस्तरÓ नाम से लघु फिल्म बनाई है। आकृति फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही फिल्म का निर्देशन कर रहे श्री रथ ने ही इसकी पटकथा भी तैयार की है। श्री रथ का कहना है कि बस्तर की छवि देश और दुनिया में लगातार निगेटिव बनती जा रही है जबकि सच्चाई इससे कोसो दूर है। वह इस फिल्म के माध्यम से दुनिया के सामने बस्तर के सौन्दर्य को लाने और उसे समझाने की कोशिश करेंगे। उनका कहना है कि यह पूरी तरह से व्यावसायिक फिल्म होगी। इसमें प्रेम कहानी के साथ ही वर्तमान दौर के बस्तर, उसकी समस्याएं और समाधान के विषय को भी समावेशित किया गया है। फिल्म में छत्तीसगढ़ी फिल्म जगत से 55 कलाकार अपनी भूमिका निभाएंगे। इस फिल्म में नायक की भूमिका भुवनेश साहू और नायिका की भूमिका अंजलि ठाकुर तथा आस्था दयाल निभाएंगी। इस फिल्म में छह गानों का समावेश किया गया है। कोरियोग्राफी करन सिंह निहाल और डीओपी पुनीत सोनकर करेंगे। 
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मन- अनिकृति की सफल जोड़ी


अभिनेता मन कुरैशी और नायिका अनिकृति चौहान की जोड़ी छालीवुड में बेहद सफल रही है. प्रेम सुमन में पहली बार इस जोड़ी को आजमाया गया उसके बाद आई लव यू में तो इस जोड़ी ने तहलका ही मचा दिया। अब 'हंस झन पगली फंस जाबेÓ ने भी यही जोड़ी होगी।

नायिका अनिकृति चौहान के बारे में कुछ  जरूरत नहीं है. उनकी एक्टिंग में दम है. खूबसूरत चेहरा और उतने ही खूबसूरत अदा. अनिकृति चौहान की तमन्ना छालीवुड में बहुत कुछ करने की है। वे कहती है कि मन में दृढ़ इच्छा और लगन हो तो कोइ भी काम असम्भव नहीं होता।
फिल्मों में काम करने का अनिकृति चौहान को कोइ शौक नहीं था लेकिन अपने दोनों चाचा आनंद और लक्ष्मण चौहान की प्रेरणा से फिल्मों में आई और अब फिल्मों को ही करियर बनाना चाहती है। इस साल फिल्म आई लव यू के नायक मन कुरैशी ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अवार्ड हासिल कर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की । इस फिल्म में मन कुरैशी ने न केवल बेहतर अभिनय किया बल्कि अपने संवाद और एक्शन से सबका दिल जीत लिया।  छालीवुड स्टारडम ने उन्हें बेस्ट हीरो का अवार्ड दिया तो पूरा हाल तालियों की गडगड़़ाहट से गूंज उठा।

स्टेज प्रोग्राम में मिले उत्साह ने निशांत को बना दिया मशहूर कोरियाग्राफर

     
छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री में कोरियोग्राफी की बात चले और निशांत उपाध्याय के नाम की चर्चा न हो यह असंभव है। बचपन में घर वालों से छिपकर स्टेज प्रोग्राम में परफार्मेंस देने वाला निशांत आज छत्तीसगढ़ी फिल्म जगत में मशहूर कोरियाग्राफर बन चुका है। हाल ही में निशांत ने छत्तीसगढ़ी फिल्म महूं कुवारा तहूं कुवारी में कोरियोग्राफी की भूमिका निभाई है। यह फिल्म 26 अप्रैल को रिलीज होने जा रही है।
निशांत उपाध्याय ने अपने जीवन से जुड़ी उपलब्धियों पर खास चर्चा की। उन्होंने बताया कि बचपन से ही डांस करने का उनका शौक रहा पर घर वाले इससे बेहद गुस्से में रहते थे। आये दिन घर में फटकार भी मिला करती थी। वर्ष 1999 के दशक में अपने मुहल्ले में हुए एक स्टेज प्रोग्राम में भाग लिया था और उसमें 'हवा-हवा ऐ हवा खुशबू लुटो देÓ गाने पर उन्होंने डांस किया था। इस प्रोग्राम में उन्हें प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। यहीं से उनके जीवन में बदलाव आया और कुछ सालों के बाद संजय मैथिल के साथ थियेटर ज्वाइन कर लिया। इसके बाद अलबम का दौर आया तो मोहन सुंदरानी ने उन्हें कोरियोग्राफी करने का अवसर प्रदान किया। कुछ दिनों तक उन्होंने फिल्मों में बैकग्राउंड डांसर का भी रोल किया। इसके बाद उनका हुनर बढ़ता ही गया। वर्तमान में निशांत पांच हजार से अधिक गानों की कोरियोग्राफी कर चुके हैं। पिछले 18 सालों से छत्तीसगढ़ में आयोजित होने वाले अवार्ड फंक्शनों में निशांत को बेस्ट कोरियोग्राफर का अवार्ड मिलता आ रहा है। यह उनके लिये बड़ी उपलब्धि है।
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'आई लव यू टूÓ की ममतामयी माँ संजू साहू

एक बेहतरीन अदाकारा
- श्रीमती केशर सोनकर

  •       छालीवुड में संजू साहू एक बड़ा नाम है, जिसने भी फिल्म छइयां भुईंया देखी होगी उनकी अदाकारी का लोहा जरूर माना होगा। उन्होंने 16 साल की उम्र में अपनी फि़ल्मी कॅरियर की शुरुआत ही माँ की भूमिका से की थी. बाद में वे नायिका बनी, फिर चरित्र अभिनेत्री का किरदार निभाया।
 अभी हाल ही बनी सुंदरानी प्रोडक्शन हाउस की फिल्म 'आई लव यू टूÓ में एक बार फिर ममतामयी माँ की भूमिका में नजर आएंगी। पूरी फिल्म में संजू साहू एक माँ के रूप में अपनी बेटी किरण ( बचपण में सान्वी, फिर मुस्कान साहू) पर प्यार लुटाती दिखेंगी। इसी फिल्म के सेट पर हमारी मुलाक़ात संजू साहू से हुई तो उन्होंने बताया कि  'आई लव यू टूÓ में माँ की भूमिका निभाकर उन्होंने गर्व महसूस किया है.मैंने माँ की भूमिका को सच में जिया है.अपने आप को किरण की माँ के रूप में ढाल लिया था.यह फिल्म बहुत ही उम्दा बनी है. मुझे इसमें काम करके बहुत ही अच्छा लगा. मै चाहूंगी की सुंदरानी प्रोडक्शन से हमेशा जुडी रहूं , यह मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।
सुंदरानी प्रोडक्शन की अगली फिल्म कचरा बोदरा में संजू साहू एक नए अंदाज में दिखेंगी। इस फिल्म में वे खलनायकी करती नजर आएंगी। वे कहती है कि मुझे हर तरह की भूमिका पसंद है और कचरा बोदरा में मैं निगेटिव किरदार भी निभाऊँगी। संजू साहू ने अपनी मेहनत और लगन से छालीवुड में अपना अलग नाम बनाया है, और वे छत्तीसगढ़ की मशहूर हस्तियों में चर्चित और आर्कषक सेलिब्रिटी हैं। वे बचपन से ही कला में रुचि रखती रहीं हैं यही कारण है कि वे फिल्मों में आ गईं। उन्हें जनता का भी खूब प्यार मिला है, और इसी के बदौलत उनका नाम आज अच्छी अभिनेत्रियों में शुमार है। आज उनके प्रशंसकों की संख्या हजारों में है। संजू फिल्मों में अभिनय के अलावा वे स्टेज परफॉर्मर भी हैं। ये अपने काम के अलावा कई तरह के सोशल वर्क पर भी ध्यान देती हैं। उनकी संस्था कोपल क्रिएटिव ने एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों नए कलाकारों को मंच प्रदान किया हैं.

छॉलीवुड में धूम मचाने को तैयार है अमन हुसैन

जय भोले मया मा डोले उनका आगामी आकर्षण
छत्तीसगढ़ी फिल्मों के डेविड धवन कहलाने वाले निर्देशक अमन हुसैन एक बार फिर छालीवुड में धूम मचाने को तैयार हैं. उनका आगामी आकर्षण है फिल्म जय भोले मया मा डोले। इस फिल्म में उन्होंने बेहद मेहनत की है. छालीवुड के लिये अमन हुसैन कोई नया चेहरा नहीं है। इससे पहले भी वे कई छोटे बजट की फिल्मों में अपने निर्देशन का लोहा मनवा चूके है। उनकी पिछली सभी फिल्मों को देखा जाए तो उनका सब्जेक्ट हास्य ही रहा है। और यह मूवी जय भोले मया म डोले भी हास्य प्रधान ही है। वे बताते हैं कि इस फिल्म में उन्होंने वे सब देने की कोशिश की है जो दर्शकों को पसंद होता है. कॉमेडी है ,रोमांस है, एक्शन है, शानदार गीत है. अमन हुसैन ने इस फिल्म की कहानी पर कोइ समझौता नहीं किया है जो बेहतर से बेहतर हो सकता था वो सब किया। अमन हुसैन करीब पांच साल के बाद अपनी हास्य फि़ल्म जय भोले मया मा डोले बनाये हैं।
अमन हुसैन को छत्तीसगढ़ के डेविड धवन इसलिए कहा जाता है क्योकि जब छत्तीसगढ़ में 1 घंटे की सीडी फिल्में बना करती थी। तब उन्होंने एक से बढ़कर एक हास्य फिल्म दर्शकों को दी है। उसमें से कुछ नाम है- समधिन पट गे, टुरी के चक्कर, बीवी घोटाला, दमाद चाही फोकट में, संगी तोर गांव म, ऐसी कई फिल्में है जो आज छत्तीसगढ़ में गांव गांव में देखी जाती है। जिसमें से समधिन पट गे छत्तीसगढ़ में मील का पत्थर साबित हुई जहां से निकले 2 नाम ओचकू बोचकू यानी हेमलाल कौशल और संतोष निषाद जो आज छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री में कॉमेडी में अपनी एक अलग पहचान बनाये हुए है। और इसके बाद निर्देशक अमन हुसैन ने आर.बी क्रिएशन के बैनर तले अपनी पहली कॉमेडी फिल्म छत्तीसगढ़ी फीचर फिल्म बनाई पठौनी के चक्कर जिसे दर्शकों का खूब प्यार मिला उसके बाद उनकी दो और फिल्में भी रिलीज हुई फुलवारी और सिधवा सजन आप लोगों की जानकारी के लिए बता दे कि हाल ही में 1 साल पहले अमन हुसैन ने एक सिंधी फिल्म ससु सेर नू सवा सेर यानी सास शेर तो बहू सवा शेर कॉमेडी फिल्म डायरेक्ट की है और अभी उनका पूरा ध्यान जय भोले मया में डोले फिल्म को रिलीज करने में है फिल्म के कलाकार हैं केवल राम वर्मा, प्रदीप शर्मा , ज्योत्सना ताम्रकार, हेमा शुक्ला, संजय महानंद, रजनीश झांजी, पूरन साहू राजू चंद्रवंशी , विनय अंबष्ड, अरुण भांगे और गप्पू भाई आदि कलाकार इस फिल्म में किरदार निभा रहे हैं और निर्देशक अमन हुसैन का कहना है कि दर्शक जब इस फिल्म को पर्दे पर देखेंगे तो पूरी फिल्म के दौरान ठहाके मार मार कर हंसेगे और अपने सारे दुख दर्द भूल जाएंगे।
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नकुल महालवार , नाम एक कला अनेक

रंगमंच से फिल्मों तक का सफर
  • नायक ,खलनायक ,लेखक ,निर्माता ,निर्देशक साहित्यकार, कवि, रंगकर्मी, पटकथा जैसे अनेक कला किसी एक व्यक्ति में हो ऐसे बिरले ही होते है और यह सब कला है नकुल महालवार में। छत्तीसगढ़ी फिल्मो का वे एक आधार स्तम्भ है। रंगमंच से अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाले नकुल महालवार ने फि़ल्मी दुनिया में एक ऊंची मुकाम हासिल कर लिया है. कला सेवा करते 35 साल बीत जाने के बाद भी नकुल काफी दुखी है. वे कहते हैं कि यहां आज उचित सम्मान का अभाव है, लेकिन मै मरते दम तक कला के लिए समर्पित रहूंगा। 

1984 में रामलीला में बाल कलाकार के रूप में मंच में प्रवेश किया था और आज छत्तीसगढ़ का जाना माना नाम है. फिल्म डाँड़ में नायक की भूमिका में थे. उन्होंने बताया कि 2001 में डिजिटल फि़ल्म, डाँड़ का  निर्माण किया ,जिसे सेंसर बोर्ड ने इसलिए सेंसर नही दिया कि इस फार्मेट में अब तक कोई डिजिटल फीचर फिल्म सेंसर नही हुआ था, वहाँ मुझे बताया गया कि इस फार्मेट की फि़ल्म  पहली बार आई है तब मुझे  मालूम हुआ कि यह डिजिटल की पहली फि़ल्म है. इस फि़ल्म उन्हें बतौर नायक  सराहना मिली। 1987 में आदर्श नाट्य मंच का निर्माण कर नुक्कड़ नाटकों सहित मंचीय प्रस्तुति करने लगे। दूरदर्शन , लघु फि़ल्म व अखिल भारतीय नाट्य  स्पर्धा में हिस्सेदारी निभाई। 1990 में  फि़ल्म व रंगमंच अभिनेता ओमशिवपुरी अवार्ड से सम्मानित हुए. 1991 में वीडियो फीचर फिल्म मैना में असिस्टेंट डायरेक्टर व सह नायक के रूप में काम किया। लगातार मंच व दूरदर्शन के  सीरियल में भूमिका करने के बाद लेखन में भी नकुल महालवार दक्ष होता गया. 1997 में  फि़ल्म, महादान  का निर्माण सुपर वीएचएस फार्मेट में किया। फिर लघु कॉमेडी फिल्म - बिहाब देवदास के में उन्हें में बेस्ट राइटर का अवार्ड मिला। उन्होंने बताया कि फिल्म डाँड़ में मुझे बेस्ट एक्टर का भी खिताब मिला। अब वे फिल्मो में कम दिखाई देते हैं पूछे जाने पर उनका कहना है कि जब मुझे लगा कि फि़ल्म में स्कोप नही है, तो मैने लोकमंच को अपनी साधना बना लिया और सुर सांझा के साथ ,लोक मंच में भी अपना उदबोधन करता गया.

इन फिल्मों में निभाई भूमिका


डाँड़, बिहाब देवदास के, खेतीखार, भूल झन देबे, संगवारी सतनाम के, छालीवुड देवदास, चुनाव तिहार, कारी छइयां, सजना साथ निभाबे, भेद, दबंग दरोगा, अतरंगी।

आखिर में हीरो मन कुरैशी को डायरेक्टर से कहना पड़ा

बहुत मार खा लिया, अब थप्पड़ मत मरवाना
  • जी हाँ! यह मजेदार वाक्या है फिल्म 'आई लव यू टूÓ का. इस फिल्म में हीरोइन हीरो को एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों थप्पड़ मारती है. थप्पड़ खा खाकर हीरो मन कुरैशी इतने परेशान हो गया था की डायरेक्टर उत्तम तिवारी से कहने लगे डायरेक्टर साहब बहुत थप्पड़ खा लिया अब थप्पड़ नहीं मरवाना। मन कुरैशी की बात सुनकर यूनिट में मौजूडी सभी लोग हंस पड़े. फिर भी डायरेक्टर उत्तम तिवारी ने उसके बाद के सीन में भी थप्पड़ मरवा ही दिया। इस फिल्म में हीरो को इतने थप्पड़ पड़े है शायद ही किसी फिल्म में हीरो को पड़े होंगे। बचपन में हीरोइन की किरदार निभा रही सानवी सुंदरानी हीरो को थप्पड़ मारती है तो बड़े होकर मुस्कान साहू हीरो मन कुरैशी को थप्पड़ मारती है. यही थप्पड़ फिल्म का अहम् हिस्सा बन चुका है. फिल्मं "आई लव यू टू" एक मजेदार कॉमेडी और नारी शक्ति का एहसास कराने वाली फिल्म है जिसमे मन कुरैशी और मुस्कान साहू की जोड़ी ने काफी धमाल मचाया है. इस फिल्म में सब कुछ है जो दर्शकों को पसंद आएगी। मन कुरैशी की शानदार कलाकारी तो मुस्कान साहू की प्यार भरा अदा सबको भाएगी। सान्वी सुंदरानी, उर्वशी साहू, उपासना वैष्णव, संजू साहू, रजनीश झांजी, प्रदीप शर्मा सबने बेहतर कला का प्रदर्शन किया है.
    सच में जड़ दिया थप्पड़ 
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  • छालीवुड के भीष्म पितामह मोहन सुंदरानी की पोती सानवी सुंदरानी नायिका के बचपन का रोल की है. बेहद ही उम्दा कलाकार है. जब एक सीन में हीरो को थप्पड़ मारने की बारी आई तो सानवी ने सच में ही हीरो के बाल कलाकार को थप्पड़ जड़ दिया था. यह सीन एक बार में ही ओके हो गया लेकिन सब हैरान रह गए थे. सानवी ने

कचरा - बोदरा में होंगी मुस्कान और गुलशन साहू की जोडी

- अरुण कुमार बंछोर
 सुंदरानी प्रोडक्शन हाउस की नई फिल्म कचरा - बोदरा के लिए अभिनेत्री मुस्कान साहू के बाद अभिनेता के लिए गुलशन साहू को साईंन किया गया है.छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध कलाकार उपासना वैष्णव , उर्वशी साहू व छत्तीसगढ़ी फिल्मों के आलराउंडर कलाकार प्रदीप शर्मा इस फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आएंगे। इस फिल्म में कई नए कलाकारों को छालीवुड के भीष्म पितामह मोहन सुंदरानी ने अभिनय का मौका देने जा रहे हैं।  इस फिल्म की शूटिंग 20 मई से रायपुर एवं उसके आसपास ग्रामीण अंचलों में प्रारंभ होगी। स्क्रिप्ट , कहानी गीत एवं संगीत का लगभग कार्य पूरा हो चुका है। फिल्म के निर्देशक उत्तम तिवारी ही होंगे जिन्होंने सुंदरानी प्रोडक्शन हाउस की दो फि़ल्में आई लव यू और आई लव यू 2 का भी निर्देशन किया है। इस फिल्म के लिए 12 और कलाकारों का महत्वपूर्ण अभिनय के लिए चयन करना बाकी है.

आस्था आउट, हेमा इन

छत्तीसगढ़ी फिल्म बॉलीफूल वेलकम तू बस्तर से नायिका आस्था दयाल आउट हो गयी है और नायिका हेमा शुक्ला ने उनकी जगह ले ली है. हमें जब यह खबर मिली तब हमने डॉ पुनीत सोनकर से बात की उन्होंने इसकी पुष्टि की. उनका कहना था कि आस्था के पास समय नहीं था और हमें यह फिल्म तय शेड्यूल पर ही शूट करना था इसलिए हेमा शुक्ला को उनकी जगह पर लिया है. फिल्म की पूरी यूनिट शूट स्थल पर मौजूद थी और नायिका नहीं आई ऐसे स्ममय पर शूटिंग को टालते तो निर्माता को काफी नुक्सान उठाना पड़ता।
एलीना - सीमा की नाराजगी

छत्तीसगढ़ी फिल्म की नायिका एलीना डेविड मसीह और सीमा सिंह बिलासपुर के एक कार्यक्रम में बुलाकर भी सम्मानित नहीं किये जाने से नाराज हो गयी और खुलेआम सोशल मीडिया के जरिये अपनी नाराजगी जाहिर की. एलीना का कहना है कि आयोजक अशरफ अली ने  न्योता दिया था जिसके  कार्यक्रम में गयी थी. यही कहना सामा का भी था. खैर जब बड़े कार्यक्रम होते हैं तो कुछ ना कुछ कमियां रह जाती है.
रंगोबती के साथ दो और फि़ल्में
छत्तीसगढ़ी फिल्म रंगोबती 19 जुलाई को रिलीज। इसी दिन दो और फिल्मे रिलीज हो रही है. नीरज श्रीवास्तव कृत असली कलाकार और अनुज शर्मा की माधो बैंडबाजा। छोटे से इंडस्ट्री में एक साथ तीन छत्तीसगढ़ी फिल्मों के रिलीज होने से निर्माताओं पर क्या बीतेगा सोचने वाली बात है. इसमेँ से रंगोबती और माधो बैंडबाजा दोनों ही अनुज शर्मा की फिल्म है.
अटका  डेढ़ होशियार
राजू दिलवाला की सफलता के बाद प्रकाश अवस्थी कृत फि़ल्म डेढ़ होशियार जल्द ही नज़दीकी सिनिमेघरों में रिलीज होगी, ऐसा कहा जा रहा है लेकिन हमें खबर मिली है कि यह फिल्म अटक गयी है. फिल्म के कुछ दृश्य अभी शूट होने बाकी है। धन के अभाव में फिल्म का शूट रुका हुआ है. शिक्षा व्यवस्था पर आधारित ये फि़ल्म कॉमेडी, रोमांस, ड्रामा और सामाजिक, शैक्षिक संदेश लिए हुए है। प्रकाश अवस्थी के साथ नैनी तिवारी, पूरन, उपासना वैष्णव, प्रदीप शर्मा, देव यादव, राजेश जैसे कई कलाकार नजऱ आएंगे। शिक्षा व्यवस्था पर आधारित इस फि़ल्म में हर प्रकार का टेस्ट पब्लिक को मिलने वाला है।

छत्तीसगढिय़ा कलाकारों को वर्षों से नहीं हुआ भुगतान

  • अधिकारियों की पत्नियों पर संस्कृति विभाग मेहरबान, इस विभाग में मंत्री सिर्फ  नाम के होते हैं
     छत्तीसगढ़ के संस्कृति विभाग के मंत्री भले ही ठेठ छत्तीसगढिय़ा नेता ही रहे. फिर चाहे वह दयालदास हो, अजय चंद्राकर हो या फिर वर्तमान मंत्री ताम्रध्वज साहू. असल में यहाँ मंत्रियों की कम अधिकारियों की ज्यादा चलती रही है. क्योंकि संस्कृति विभाग के हाथों सबसे ज्यादा कोई छले गए तो वो प्रदेश के प्रतिभावान लोक कलाकार, स्थानीय कलाकार, छत्तीसगढिय़ा कलाकार. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ का संस्कृति विभाग अक्सर विवादों में रहा, छत्तीसगढिय़ा कलाकारों के निशानों पर रहा.  इसका प्रमाणित तौर खुलासा भी हम यहाँ पर कर रहे हैं. हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह से संस्कृति विभाग अधिकारियों की पत्नियों और बेटियों के साथ बाहरी कलाकारों पर मेहरबान रहा और कैसे स्थानीय कलाकारों को सालों बाद भी भुगतान नहीं हो रहा है. अब तो बकायदा एक बैनर भी ऑफिस में मौजूदा संचालक अनिल साहू ने भुगतान को लेकर एक टंगवा दिया है.सबसे पहले आप इस बैनर को देखिए इस पर जो लिखा है उसे पढि़ए। इस बैनर में लिखा है कि लंबित भुगतान को लेकर कलाकार परेशान न करे. संचालक अनिल साहू ने इस तरह का साफ निर्देश जारी कर एक तरह से स्थानीय कलाकारों को चेतावनी दे दी है. अब जरा सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त इन दस्तावेजों में इन नामों को देखिए। ये नाम है यास्मिन सिंह, पूर्णश्री राउत और अंकिता राउत। यास्मिन सिंह के पति अमन सिंह हैं तो पूर्णश्री राउत के पति एम.के राउत. अमन सिंह और एम.के राउत दो ऐसे अधिकारी रहे हैं जिनकी तूती पूर्व सरकार में खूब बोलती रही है. यही वजह है कि संस्कृति विभाग पूर्व अधिकारियों के इन पत्नियों और बेटी पर खुलकर मेहरबान नजर आई. ये और बात है कि संस्कृति विभाग उनता ही उपेक्षा छत्तीसगढिय़ा कलाकारों की है. हमारे पास मौजूद आरटीआई से मिले दस्तावेज यह साफ  बताते हैं कि किस तरह से अधिकारियों की मनमानी छत्तीसगढ़ में होने वाले सांस्कृतिक समारोह में चलती रही है. यहाँ पर आज हम आपको सिर्फ चक्रधर समारोह का आंकड़ा दिखाने जा रहे हैं. आप एक समारोह से ही समझ लीजिए कि असल में छत्तीसगढिय़ा कलाकार कैसे अधिकारियों के हाथों छले जाते रहे हैं, ठगे जाते रहे हैं.
    2016 में हुए 32वाँ चक्रधर समारोह का दस्तावेज देखिएएम. के राउत और पूर्णश्री राउत की बेटी अंकिता राउत ने ओडि़सी नृत्य की प्रस्तुति दी. इन्हें भुगतान हुआ 1 लाख 50 हजार रुपये, वहीं अमन सिंह की पत्नी यास्मिन सिंह ने कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दी. इन्हें भुगतान हुआ 1 लाख 68 हजार रुपये, वहीं मुंबई की सूफी गायिका ऋचा शर्मा ने अपनी प्रस्तुति दी. इन्हें भुगतान किया 11 लाख 80 हजार रुपये, इस समारोह में कुल 22 कार्यक्रम हुए लेकिन लोक रंग पर आधारित छत्तीसगढ़ी पर सिर्फ 1 कार्यक्रम हुआ, छत्तीसगढ़ी में प्रस्तुति दी पद्मश्री ममता चंद्राकर ने. इन्हें भुगतान किया गया 1 लाख 10 हजार रुपये.
  • 2017 में हुए 33वाँ चक्रधर समारोह के दस्तावेज देखिए  
  • अमन सिंह की पत्नी यास्मिन सिंह ने कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दी. इन्हें भुगतान हुआ 1 लाख 50 हजार रुपये, वहीं एम.के. राउत की पत्नी पूर्णश्री ने ओडि़सी नृत्य की प्रस्तुति दी. इन्हें भुगतान किया गया 2 लाख रुपये, जबकि मुंबई की कलाकार रेखा भारद्धाज ने गायन की प्रस्तुति दी. इन्हें भुगतान किया गया 12 लाख 87 हजार 6 सौ 47 रुपये, वहीं इस समारोह में कुल 39 कार्यक्रम हुए. लेकिन छत्तीसगढ़ी पर आधारित कार्यक्रम हुए बीते साल की तरह सिर्फ 1. छत्तीसगढ़ी में लोकरंग की प्रस्तुति दी कविता वासनिक. इन्हें भुगतान किया गया 1 लाख रुपये
     
  • 2018 में हुए 34वाँ चक्रधर समारोह के दस्तावेज देखिए

    एक बार फिर एम.के. राउत की बेटी अंकिता राउत कत्थक की प्रस्तुति दी. और इस बार इन्हें भुगतान किया गया 1 लाख रुपये, लुधियाना के कलाकार अख्तर ब्रदर्स ने सूफी गायन की प्रस्तुति दी. इन्हें भुगतान किया गया 5 लाख 50 हजार रुपये, इस समारोह में कुल 53 कार्यक्रम हुए. इसमें छत्तीसगढ़ी पर आधारित 2 कार्यक्रम हुए, छत्तीसगढ़ी पर आधारित 2 कार्यक्रम में एक लोकरंग अर्जूंदा का. इन्हें भुगतान किया गया 1 लाख 50 हजार, वैसे सिर्फ शेखर गिरी नहीं बल्कि 8 ऐसे कलाकार थे जिन्हें एक रुपये का भुगतान नहीं किया गया.

    पूर्णश्री शिक्षक विभाग छोड़कर संस्कृति विभाग में अटैच

    वैसे आपको यहाँ यह भी बता दे कि एम.के. राउत की पत्नी पूर्णश्री राउत शिक्षक हैं. लेकिन वो स्कूल में पढ़ाना छोड़कर बीते कई सालों से संस्कृति विभाग के मलाईदार पद में पदस्त हैं. दबी जुबान से विभाग के अधिकारी बताते हैं कि वे कभी-कभी ही ऑफिस आती हैं. मतलब साफ है कि संस्कृति विभाग पर अमन सिंह और एम.के. राउत की तूती बोलती रही है. वैसे यहाँ यह भी बता देना लाजिमी होगा कि भूपेश सरकार बनने के बाद पूर्णश्री राउत की ओर से आयोजित कार्यक्रम को लेकर जमकर विवाद हुआ था. बाद में इस मामले में गाज संचालकर और संस्कृति विभाग के सचिव के ऊपर गिरी थी.लेकिन इन सबके बीच सवाल एक बार फिर से संस्कृति विभाग के संचालन को लेकर है क्योंकि नए संचालक अनिल साहू अब संस्कृति विभाग को किस तरह चलाएंगे उसका एक गैर जिम्मेदराना रूप भी देख लीजिए. संचालक इस मसले पर जवाब नहीं देना चाहते हैं. उन्होंने अपने कार्यालय में मीडिया कैमरे को बैन कर दिया है. मतलब वह अपने हिसाब से सिस्टम को चलाना चाहते हैं.

    क्या संस्कृति विभाग को ठीक कर पाएंगे मंत्री ताम्रध्वज साहू ?

    तो देख लीजिए संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू जी. किस तरह से आपके संस्कृति विभाग ने अभी तक छत्तीसगढिय़ों को छलने, उन्हें ठगने और परेशान करने का काम किया है. अधिकारियों की मनमानी के शिकार छत्तीसगढिय़ा कलाकार किस तरह होतें हैं. इसका तो महज यह एक उदाहरण है. अब भी आपने कदम कड़े नहीं उठाए तो इसी तरह आगे भी संस्कृति विभाग में यह मनमानी चलती रहेगी. आप सिर्फ नाम के मंत्री रहेंगे और चलाते इसे अधिकारी अपने हिसाब ही रहेंगे.

'आई लव यू टूÓ का प्रमोशन करेंगी गरिमा दिवाकर

स्टार कास्ट से भरी पडी है फिल्म
  • छत्तीसगढ़ की जानी मानी गायिका गरिमा दिवाकर सुंदरानी फिल्म प्रोडक्शन की फिल्म 'आई लव यूं टूÓ  का प्रमोशन करेंगी। गरिमा 8 साल की उम्र में अपनी कॅरियर की शुरुआत सुंदरानी वीडियो वल्र्ड से ही की थी जब श्री मोहन सुंदरानी ने उनकी आवाज में एक पंथी गाने की रिकार्डिंग की थी. वो गाने आज भी बेहद चर्चित है. उसके बाद गरिमा ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा है. 'आई लव यूं टूÓ  के निर्माता लखी सुंदरानी ने गरिमा दिवाकर को अपनी आने वाले फिल्म 'आई लव यूं टूÓ  के प्रमोशन का जिम्मा सौंपा है. वह फिल्म बनाकर तैयार है. 
  • इस फिल्म में 35 कलाकार है जिसमे से 8 बाल कलाकार हैं. फिल्म की कहानी दर्शकों को ध्यान में रखकर लिखा गया है. यह फिल्म कॉमेडी, एक्शन, रोमांस से भरपूर है. छालीवुड की चर्चित जोड़ी मन कुरैशी और मुस्कान साहू एक  इस फिल्म के जरिये बड़े परदे पर धमाल मचाएंगी। इस फिल्म में स्टार कास्ट है. उर्वशी -उपासना वैष्णव लोगों को हंसाते नजर आएंगी। इसके अलावा रजनीश झांजी, प्रदीप शर्मा, संजू साहू, पुष्पेंद्र सिंह, बिलास राउत, संगीता यादव जैसे मंजे हुए कलाकार हैं. निर्माता लखी सुंदरानी ने बताया कि फिल्म के लेखक, गीतकार, पटकथा, संवाद उत्तम तिवारी का है जो इस फिल्म के निर्देशक भी हैं. संगीत सूरज महानंद ने दिया है तो तोरण राजपूत ने कैमरे का दायित्व निभाया है.एक्शन जॉनसन अरुण का है तो कोरियोग्राफर है निशांत उपाध्याय, चंदनदीप और बिलास राउत।

बॉलीवुड की तरह अब टकराएंगे छॉलीवुड की फिल्में

एक साथ कई फिल्में होंगी रिलीज

        छालीवुड भी अब बॉलीवुड की राह पर है. फि़ल्में इतनी बनने लगी है जितना छत्तीसगढ़ में थियेटर नहीं है. यही कारण है कि अब यहां की फि़ल्में भी आपस में टकराएंगे। 2018 में 32 फिल्मे बनी और मात्रा 14 फि़ल्में ही रिलीज हो पाई. इस साल एक ही तारीख पर कई फिल्मे रिलीज करने का ऐलान किया गया है. यह अलग बात है कि फिल्म को टाकीज ना मिले। 26 अप्रैल को महुँ कुंवारा तहूँ कुंवारी एक साथ 22 टाकीजों में लगेगी। 16 जून को दो फिल्मे हंस झन पगली फंस जाबे और राजा भैया एक आवारा रिलीज होने जा रही है. हंस झन पगली फंस जाबे के नायक मन कुरैशी है तो राजा भैया एक आवारा के नायक अनुज शर्मा है. यही नहीं 19 जुलाई को तो तीन फिल्मे रिलीज करने का ऐलान निर्माताओं ने किया है. निर्माता अशोक तिवारी की रंगोबती , अखिलेश मिश्रा की असली कलाकार और तीसरी फिल्म है माधो बैंड वाला। रंगोबती और  माधो बैंड वाला ने तो टाकीज भी बुक कर लिया है. जुलाई में इन तीन फिल्मो के बाद निर्माता मोहन सुंदरानी ने अपनी फिल्म आई लव यू 2 अगस्त में और कचरा बोदरा नवंबर में लाने का ऐलान कर दिया है.
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अनुज शर्मा नए रंग में नजर आएंगे

फिल्म रंगोबती प्रदर्शन के लिए तैयार
हीरा फिल्म क्रिएशन के बैनर तले बनकर तैयार छत्तीसगढ़ी फिल्म 'रंगोबतीÓ में छालीवुड के सुपर स्टार अनुज शर्मा नए रंग में नजर आएंगे। इस फिल्म के निर्माता है अशोक तिवारी और निर्देशन किया है मशहूर विलेन 'पुष्पेन्द्र सिंहÓ ने। इसके पहले पुष्पेंद्र सिंह ने फिल्म रंगरसिया का निर्देशन किया था वह  फिल्म दर्शकों को खूब पसंद आई थी.अब रंगोबती की लोगों को बेसब्री से इन्तजार हैं. 
  • इस फिल्म में अनुज शर्मा का किरदार शानदार है वे पहली बार लड़की की भूमिका में है। हमारी छत्तीसगढ़ की लोक परंपरा में नाचा का विशेष स्थान है जिसमें सारे कलाकार पुरूष होते है और उनमें जो नारी पात्र निभाते है उन्हे तो मंच पर पहचान पाना मुस्किल होता है। ऐसा ही रोल अब अनुज शर्मा फिल्म रंगोबती में किये हैं। अभिनय किस तरह का है, काम कैसा है यह हम नहीं बताएँगे। इसके लिए आपको थियेटर तक जाना होगा लेकिन इतना जरूर है फिल्म देखकर बहुत मजा आएगा क्योकि अनुज शर्मा को इस फिल्म में देखना एक नया अनुभव होगा।बतौर हिरोइन लेजली त्रिपाठी को आप रंगोबती में देखेंगे ही वे बहुत ही अनुभवी और शानदार एक्ट्रेस है। साथ ही प्रदीप शर्मा, निशांन्त उपाध्याय, शैलेन्द्र भट्ट, तरुण बघेल, उपासना वैष्णव, संतोष यादव, संगीता निषाद , संजना, निशा चौबे , अन्नू शर्मा, राजू पांडेय के अलावा विक्रम राज भी अहम किरदार में है। ऑन स्क्रीन युनिट की बात करे तो फिल्म में कैमरा मेन- दिनेश ठक्कर, फाइट मास्टर- जॉनसन अरुण , संगीत- सुनील सोनी, डांस डाइरेक्टर- निशांन्त उपाध्यय का बेहतरीन काम देखेने को मिलेगा। फिलहाल 19 जुलाई तक प्रतिक्षा कीजिये पुष्पेंद्र सिंह की निर्देशन में निर्मित रंगोबती का। रंगोबती की ज्यादतर शूटिंग पाटन के पास ग्राम पंदर में हुई है साथ ही कोरबा, कवर्धा, कांकेर, बालोद आदि अंचलों में गानों की शूटिंग की गयी है।

अपनी चहेती अभिनेत्री मोना सेन को राज्यसभा में देखना चाहतें हैं छत्तीसगढिय़ा

युवाओं के लिए रोल मॉडल है , अभिनय और गायिकी में है महारत हासिल
       छत्तीसगढ़ की जानी मानी फिल्म कलाकार, गायिका मोना सेन आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है. गाँव- गाँव, शहर- शहर सभी जगह उनका डंका बजता है. ऐसा कोइ नारी सम्मान नहीं है जो उन्हें ना मिला हो. यही कारण है की उन्हें छत्तीसगढ़ की लाडली बेटी कहा जाता है.यही कारण है की छत्तीसगढ़ के वासिंदे अपनी इस चाहती अभिनेत्री को राज्यसभा में देखना चाहते हैं. वे चाहते हैं की उन्हें कला क्षेत्र से मनोनीत किया जाए. 

मोना सच में छत्तीसगढ़ की शान है. फिल्मो में धूम मचाने के बाद वे समाज सेवा में आई और कई बच्चों को गोद लेकर उनकी पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था की.अब वह अपनी समाज की सेवा में जुटी हुई है. मोना सेन बच्चों में काफी लोकप्रिय है। वे जहां भी जाती है लोग उन्हें घेर लेते हैं। मोना कहती है कि समाजसेवा करने करने से उन्हें बहुत ही सुकून मिलता है। भविष्य में वे उन क्षेत्रों में जाएंगी जहां सरकारी मिशनरी नहीं पंहुच पाई है। मोना एक ऐसी अभिनेत्री है जिसका जलवा आज भी छत्तीसगढ़ के गाँवों में देखने को मिलता है। उन्हें तमाम सम्मान मिल चुका है कौशिल्या माता सम्मान , मिनीमाता सम्मान , नारी शक्ति सम्मान प्राइड आफ छत्तीसगढ़, बेस्ट एंकर आफ छत्तीसगढ़, वीरांगना सम्मान मप्र शासन सहित उनके पास अनगिनत सम्मान है। छॉलीवुड स्टारडम ने पॉपुलर एक्ट्रेस आफ छत्तीसगढ़ अवार्ड से सम्मानित किया है. राजनांदगांव खैरागढ़ सहित कई सभाओं में तात्कालीन सांसद अभिषेक सिंह और विधायक सावलराम डहरिया ने उन्हें छत्तीसगढ़ की बेटी और छत्तीसगढ़ की शान कहकर उनका मान बढ़ाया। मोना सेन आज युवाओं ले लिए रोल मॉडल है. वे कहती है कि कोइ भी काम संभव नहीं होता। बस मन में लगन और दृढ़ इच्छा होनी चाहिए। हमने कर्म को महत्त्व दिया और सफलता हमारे साथ चली आई।  इसलिए युवा काम को प्राथमिकता दे और हर काम लगन से करें उन्हें कामयाबी जरूर मिलेगी।
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फिल्मों में ही कॅरियर बनाएंगी आराध्या सिन्हा

एक्सपो इंडिया आफ इंटरनेशनल मेकअप कॉम्पिटिशन की विनर है
           छालीवुड की 16 साल की अभिनेत्री आराध्या सिन्हा ने अभी हाल ही में प्रगति मैदान नयी दिल्ली में हुई एक्सपो इंडिया आफ इंटरनेशनल मेकअप प्रतियोगिता में परचम लहरा कर छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया है. इस स्पर्धा में वे सबसे कम उम्र की प्रतिभागी थी. आराध्या ने इसी साल दसवीं की परीक्षा 82 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण की है. स्पर्धा जीतकर लौटी आराध्या सिन्हा ने कहा- कि उनका मकसद माँ बाप के सपनों को पूरा करना और उनका नाम रौशन करना है. आराध्या सिन्हा ने सोल्जर छत्तीसगढिय़ा से छालीवुड में एंट्री की है और जल्द ही एक बड़ा मुकाम हासिल कर ली है. सुंदरानी फिल्म प्रोडक्शन की फिल्म आई लव यू टू में वे नायक मन कुरैशी की बहन की भूमिका में नजर आएगी। इस फिल्म से उन्हें बहुत ही उम्मीद है. वे कहती हैं कि आई लव यू टू को दर्शकों के लायक बनाने के लिए हमने बहुत ही मेहनत की है. मॉडलिंग का मुझे शौक था लेकिन अब एक्टिंग में किस्मत आजमा रही हूँ। अब इस क्षेत्र में ही आगे बढूंगी।


0 आपको एक्टिंग का शौक कब से है ?
मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। जब मै छोटी थी तब से कुछ अलग करने की सोच ली थी। मन में लगन हो तो सब संभव है।
0     छालीवुड की क्या सम्भावनाये दिखती है ?
बेहतर है। आने वाले समय में यहां की फिल्मे बॉलीवुड की तरह ही चलेंगी। यहां फिलहाल दर्शकों की कमी है। लोगो में अपनी भाषा के प्रति वो रूचि नहीं है जो होनी चाहिए और जो दर्शक है उनकी रुझान हिन्दी फिल्मो की ओर ज्यादा है।
0 आपको मौका कैसे मिला और आपके प्रेरणाश्रोत कौन है ?
एक्टिंग मैंने खुद से सीखा है। मेरा कोई रोल मॉडल नहीं है। मॉडलिंग से कॅरियर से शुरुवात की है और मेरी पहली फिल्म सोल्जर छत्तीसगढिय़ा है जो बड़े परदे पर आ चुकी है। मुकेश स्वर्णकार ने मुझे इस फिल्म के लिए ऑफर दिया और आज मै आपके सामने हूँ।
0 कभी आपने सोचा था की फिल्मो को ही अपना कॅरियर बनाएंगे ?
हाँ ! शुरू से ही मै एक्टिंग को कॅरियर बनाने की सोचकर चली थी। अब इसी लाईन पर काम करती रहूंगी । लगातार काम करूंगी।
0  छालीवुड फिल्मो में आपको कैसी भूमिका पसंद है या आप कैसे रोल चाहेंगी?
मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगी ताकि मुझे सभी प्रकार का अनुभव हो। छोटे बड़े सभी रोल मुझे पसंद है। मैं किसी भी भाषा की फिल्म हो जरूर करूंगी।
0 आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहती हैं?
छालीवुड में कुछ करके दिखाना चाहता हूँ। अब लगातार फिल्मो में ही काम करते रहने की तमन्ना है। माँ-बाप का नाम रोशन करना मेरा मकसद है.
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रविवार, 24 मार्च 2019

छॉलीवुड स्टारडम सिने अवॉड्र्स में फिल्म ''आई लव यू'' का जलवा

 
छत्तीसगढ़ के सीने कलाकारों के लिए छॉलीवुड स्टारडम सिने अवॉड्र्स समारोह एक विशेष मौका लेकर आया। जिसमें 27 कैटेगरी में कलाकारों को अवार्ड दिया गया। वर्ष 2018 के लिए फिल्म ''आई लव यू'' सबसे हिट फिल्म साबित हुई। तो वहीं इसी फिल्म के नायक और नायिका मन कुरैशी और मुस्कान साहू बेस्ट एक्टर के रूप में चयनित किए गए। बॉलीवुड टच पर प्रस्तुत किए गए अवॉर्ड फंक्शन में दिग्गज कलाकारों के साथ नवोदित कलाकारों ने अपनी मौजूदगी की धमक दी।
इसके साथ ही कलाकारों ने अवॉर्ड फंक्शन को काफी सराहा। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में निवास कर रहे कलाकारों का जमावड़ा राजधानी रायपुर में देखते ही बन रहा था। अवॉर्ड कार्यक्रम में 27 कैटेगरी में अवार्ड दिए गए। साथ ही 5 विशेष अवार्ड दिए गए, जिसमें लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी शामिल था। इस अवार्ड समारोह की सबसे खास बात यह थी कि फिल्म यूनिट के सबसे नीचे स्तर का व्यक्ति जो स्पॉटबॉय होता है, उसे भी कैटेगरी में शामिल किया गया था। इसके अलावा कॉस्टयूम से लेकर सभी कैटेगरी के अवार्ड समारोह में शामिल किए गए थे।
 समारोह को पूरी तरह से बॉलीवुड टच भी दिया गया था। जिस तरह से बॉलीवुड में अवार्ड का संचालन होता है, उसी को ध्यान में रखकर मंच व्यवस्था भी की गई थी। समारोह में अवार्ड वितरण के साथ-साथ फिल्म से जुड़े गानों पर कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। जिसे देख कर दर्शक दीर्घा ताली बजाने में खुद को नहीं रोक पाए। कई दशकों से प्रदेश के कलाकार छत्तीसगढ़ी फिल्मों में अपने अभिनय का छाप छोड़ रहे हैं। वे सभी कलाकार एक छत के नीचे अवार्ड फंक्शन में दिखाई दिए। साथ ही मंच पर पहुंचकर एक दूसरे पर हंसी ठिठोली करते भी नजर आए। निर्माता-निर्देशक क्षमा निधि मिश्रा ने अपने ही फिल्मों के एक गाने पर अभिनेत्रियों को छेड़ा जिसका दर्शकों ने काफी लुत्फ भी उठाया। छॉलीवुड स्टारडम सिने अवॉर्ड में  बॉलीवुड स्टाइल में प्रदेश के जाने-माने नामित कलाकारों को अवार्ड से सम्मानित भी किया गया। छॉलीवुड स्टारडम सिने अवार्ड में ज्यूरी ने जिस कैटेगरी में अवॉर्ड रखा उस में सर्वश्रेष्ठ फिल्म ''आई लव यू'' ने बाजी मारी। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में मन कुरैशी को फिल्म ''आई लव यू'' के लिए अवार्ड मिला। वहीं मुस्कान साहू को फिल्म ''आई लव यू'' के लिए सर्वश्रेश्ठ अभिनेत्री का अवार्ड मिला। सर्वश्रेष्ठ चरित्र अभिनेता रजनीश झांजी को फिल्म ''फैमिली नंबर वन'' के लिए पुरस्कृत किया गया। इस तरह से 27 कैटेगरी में कलाकारों को अवार्ड से नवाजा गया। सभी कलाकारों ने मीडिया के सामने अपनी अपनी बात रखी। जिसमें नए कलाकारों से लेकर पुराने कलाकार तक सभी ने इस अवॉर्ड कार्यक्रम को दिल से सराहा।

सबसे लोकप्रिय कलाकार का एवार्ड उपासना रजनीश को


छालीवुड के सीनियर कलाकार उपासना वैष्णव और रजनीश झांजी साल 2018 के सबसे लोकप्रिय कलाकार रहे हैं उन्हें छालीवुड स्टारडम सिने अवार्ड फक्शन में लोकप्रिय अभिनेत्री एवं लोकप्रिय अभिनेता का अवार्ड दिया गया। उपासना वैष्णव का यह लगातार तीसरा वर्ष है जब उन्हें एक्ट्रेस आफ द ईयर का अवार्ड मिला है। यह अवार्ड साल में सबसे ज्यादा फि़ल्म करने वाले कलाकारों को दिया जाता है।




ये रहे सर्वश्रेष्ठ
1. सर्वश्रेष्ठ फिल्म - आई लव यू
2. सर्वश्रेष्ठ अभिनेता - मन कुरैशी (फिल्म- आई लव यू)
3. सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री - मुस्कान साहू (फिल्म- आई लव यू)
4. सर्वश्रेष्ठ निर्देशक -उत्तम तिवारी (फिल्म- आई लव यू)
5. सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता -सुनील तिवारी (फिल्म-राजू दिलवाला)
6. सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री - नेहा शर्मा (फिल्म-दबंग दरोगा)
7. सर्वश्रेष्ठ चरित्र अभिनेता -रजनीश झांजी/जेठू साहू (फिल्म- फेमिली नं. वन)
8. सर्वश्रेष्ठ चरित्र अभिनेत्री -निशा चौबे (फिल्म- आई लव यू)
9. सर्वश्रेष्ठ नए अभिनेता -जीत शर्मा (फिल्न- दबंग दरोगा) भुनेश साहू (सुंदर मोर छत्तीसगढ़)
10. सर्वश्रेष्ठ नई अभिनेत्री -मोनिका शर्मा (फिल्म छग के मंजनू अउ छग की लैला)
11. सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता -हेमलालल कौशल (फिल्म- आई लव यू)
12. सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेत्री -उर्वशी साहू/उपासना वैष्णव (फिल्म- आई लव यू)
13. सर्वश्रेष्ठ खलनायक -अन्नू शर्मा (फिल्म - सुंदर मोर छत्तीसगढ़)
15. सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता -जीत शर्मा (फिल्म - दबंग दरोगा)
16. सर्वश्रेष्ठ बाल अभिनेत्री -सानवी सुंदरानी (फिल्म- आई लव यू)
17. सर्वश्रेष्ठ संगीतकार -सूरज महानंद (फिल्म - आई लव यू)
18. सर्वश्रेष्ठ गीतकार -उत्तम तिवारी (फिल्म- आई लव यू)
19. सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक -अनुराग शर्मा ( (फिल्म- आई लव यू)
20. सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका -अलका चंद्राकर (फिल्म - मोर जोड़ीदार)
21. सर्वश्रेष्ठ कहानीकार -उत्तम तिवारी (फिल्म- आई लव यू)
22. सर्वश्रेष्ठ कैमरामेन -सिद्धार्थ राजपूत (फिल्म- मोर जोड़ीदार)
23. सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर -विलास राऊत (फिल्म- आई लव यू)
24. सर्वश्रेष्ठ फाइट मास्टर -संजू यादव (फिल्म -बंधन प्रीत के/सुंदर मोर छत्तीसगढ़)
25. सर्वश्रेष्ठ सम्पादन -स्वप्निल स्टूडियो (फिल्म- मोर जोड़ीदार)
26 . सर्वश्रेष्ठ मेकअपमैन -मुराद खान (फिल्म- राधे अंगूठा छाप)
27. सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम -लेखाश्री नायक (फिल्म भाई बहिनी एक अटूट बंधन)

० लोकप्रिय अभिनेता (वर्ष 2018) - रजनीश झांजी
० लोकप्रिय अभिनेत्री (वर्ष 2018)- उपासना वैष्णव

रविवार, 13 जनवरी 2019

ज्ञानेंद्र और कृष्णा बनाएंगे संगी संगवारी

कवर्धा में हुआ फिल्म का मुहूर्त
छत्तीसगढ़ी फिल्म का भविष्य बेहतर है क्योंकि छालीवुड में नए नए निर्माता कदम रख रहे हैं. ज्ञानेंद्र  सिंह ठाकुर, एवं कृष्णा चौहान पहली बार इस दुनिया में अपना पाँव जमाने  है... 

वे फिल्म संगी संगवारी बनाने जा रहे हैं जिसका मुहूर्त कवर्धा में सुन्दरानी विडियो वल्र्ड के निर्देशक फि़ल्म  निर्माता श्री मोहन सुन्दरानी के मुख्य आतिथ्य, पत्रकार छालीवुड स्टारडम के अरुण कुमार बंछोर, हमर छालीवुड पत्रिका की संपादक श्रीमती केशर सोनकर , छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री एसोसिएशन के कवर्धा जिला अध्यक्ष राजू पांडे के विशेष आतिथ्य में सपन्न हुआ.इस फिल्म के हीरो भुनेश साहू और नायिका हेमा शुक्ला होंगी।
इस अवसर पर ने कलाकारों से अपील की कि अपने निर्माता को हर प्रकार से सहयोग करें क्योकि इस इंडस्ट्री में फ़ायदा कम नुक्सान ज्यादा है. कार्यक्रम को अरुण बंछोर और राजू पांडे ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में निर्देशक नीरज श्रीवास्तव जी, देवेंद्र साहू , तेजस गोहेल विजेता मिश्रा उपस्थित रहे ।
इस फि़ल्म में  कास्टिंग डायरेक्टर हैं महावीर सिंह चौहान। फिल्म का डायरेक्शन सुनील सागर करेंगे। वही हीरो में सुंदर मोर छत्तीसगढ़ फेम भुनेश साहू,  सोल्जर छत्तीसगढिय़ा फेम हेमा शुक्ला, के साथ साथ, रजनीश झांझी, उपासना वैष्णव, उर्वशी साहू, हेमलाल कौशल, राजू पांडेय,  रज्जु चंद्रवंशी, करन सिंह,  के नाम अनाउंस किये। उफि़ल्म के हीरो भुनेश साहू और फेमस कलाकार राजू पांडेय के बीच मुहूर्त शार्ट किया गया जिससे ताली की गडग़ड़ाहट से भवन गूंज उठा।
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नटराज बंछोर बनाएंगे अब '' प्रेम रंग ÓÓ

-श्रीमती केशर सोनकर
छत्तीसगढ़ी फिल्म दबंग दरोगा के निर्माता नटराज बंछोर अब अपनी दूसरी फिल्म  'प्रेम रंगÓ बनाने जा रहे हैं। इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. इस फिल्म के हीरो जीत शर्मा भिलाईनगर होंगे वहीं हीरोइन की तलाश अभी जारी है. हरजिंदरसिंह इस फिल्म को निर्देशित करेंगे। नायक जीत शर्मा एक अच्छे अभिनेता है उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय का लोहा मनवाया है. दबंग दरोगा में वे अनुज शर्मा के साथ दूसरे नायक की भूमिका में थे औरअपनी बेहतरीन अदा के चलते काफी वाहवाही बटोरे थे.तुलसी एंटरटेनमेंट के बैनर तले निर्मित नटराज बंछोर की छत्तीसगढ़ी फिचर फिल्म 'दबंग दरोगाÓ को दर्शक खूब पसंद किया था। बात दबंग दरोगा की कहानी की करें तो समाज में कुछ उपद्रवी लोग जो अपने दबंगाई से जनता का जीना हराम कर देते है उनके खिलाफ लड़ते एक इमानदार दरोगा की स्टोरी है। जिसमे जीत शर्मा ने दरोगा की भूमिका बेहतर ढंग से निभाया था. फिलहाल मूवी काफी अच्छी रही।  रीमा सिंह, रजनीश झांझी, हरजिंदर सिंह मोटिया, उपासना वैष्णव, अनिल शर्मा, नेहा शर्मा और माहिरा खान के अलावा अन्य सभी कलाकारों ने बहुत ही अच्छा अभिनय किया था लेकिन प्रेम रंग में नए कलाकारों को मौका दिया जाएगा।

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फिल्मों और लोक मंच के जरिये छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रही है अभिनेत्री उर्वशी साहू

छालीवुड की जानी मानी चरित्र अभिनेत्री उर्वशी साहू फिल्मों के साथ साथ लोक कलामंच के जरिये अपने प्रदेश छत्तीसगढ़ का नाम देश भर में रोशन कर रही है. वे जितनी अच्छी अदाकारा है उतनी ही अच्छी लोक कलामंच की संचालक भी है.उनके साथ कलाकारों की एक अच्छी टीम भी है. लोक मंच के जरिये छत्तीसगढ़ के लोक गीतों और संस्कृति को देश प्रदेश में भी जाकर प्रस्तुत कर रही है। उर्वशी साहू छत्तीसगढ़ में बंनाने वाली लगभग सभी फिल्मों में काम कर रही है अभी सबसे ज्यादा चर्चित सुंदरानी वीडियो वल्र्ड की सुपर डुपर हिट फिल्म आइ लव यू से उर्वशी साहू को एक अलग ही पहचान मिली है.इस फि़ल्म में दर्शकों ने कचरा - बोदरा के रूप में उर्वशी साहू और उपासना वैषणव की जोड़ी को खूब पसंद किए। इससे पहले भी उर्वशी उपासना ने ऑटो वाले भाटो,राजा छत्तीसगढिय़ा में काम कर अपने अभिनय से खूब तारीफ  बटोरी थी।
आज उर्वशी साहू और उपासना हर डायरेक्टर,प्रोड्यूसर की पहली पसंद बन चुके है इसको देखकर कहानी लिखते है उर्वशी फि़ल्म के साथ साथ स्टेज प्रोग्राम भी करती है उनकी खुद की लोक मंच की टीम है मया के संदेश जिसमे लगभग 30 कलाकार है उर्वशी इस टीम की संचालिका व निर्देशिका है। उर्वशी के निर्देशन में ये टीम देश के साथ साथ अन्य प्रदेश में भी अपनी लोक गीतों की प्रस्तुति करती है. उर्वशी अपनी टीम मया के संदेश को लेकर देहरादून,उत्तरप्रदेश, लखनऊ,हरिद्वार, अंडमान निकोबार,केरल कोच्चि,दिल्ली,असम गई थी। अभी 4 जनवरी से 12 जनवरी तक उर्वशी अपनी टीम के साथ दिल्ली और 17 से 22 जनवरी तक को इलाहाबाद कुम्भ में कर्मा गीत नित्र्य की प्रस्तूति देंगी।

उर्वशी स्टेज के साथ हो साथ बड़ी संख्या में फि़ल्म भी कर रही है जिसमे मोहन के बिहाव, संगी संगवारी,और  ढ्ढ द्यश1द्ग 4शह्व 2 में भी नजर आएगी। उर्वशी की बहुत से फि़ल्म रिलीज होने वाली है ,जिसमे सउत सउत के झगरा,राजाभैया,टुरा चाय वाला ,संगी रे,अतरंगी,सॉरी लव यू,बड़ी फिल्मे है उर्वशी संगीत को साधना मानती है कहती है छत्तीसगढ़ को यहां की कला संस्कृति से जानी जाती है पर कलाकारों को अब तक अपने ही देश मे अच्छे से सम्मान नई मिला कुछ कलाकारों की रोजी रोटी का साधन ही कलाकारी है पर गाव के कलाकारों को कोई अच्छा पहचान नई मिलता उर्वशी फि़ल्म लोक मंच के साथ साथ समाज सेवा भी करती है जिससे उनको 2017 में कौशिल्या माता सम्मान मिला है उर्वशी कहती है मुझे बहुत बड़े बड़े सम्मान मिले पर देशको ताली और आशीर्वाद सबसे बड़ा सम्मान है. उर्वशी हर किरदार बड़ी बखूबी निभाती है चाहे वो माँ का हो दादी का हो,मौसी का हो चाहे खलनायिका का हो। कॉमेडियन के रूप में भी उर्वशी की एक्टिंग को काफी सराहा गया है जिसके लिए बेस्ट कॉमेडियन का अवार्ड भी मिला है। बेस्ट एक्ट्रेस,बेस्ट खलनायिका अब तक बहुत सारे एवार्ड उर्वशी के नाम है उर्वशी कहती है मेरा पूरा परिवार कलाकार थे नाना चरणदास चोर के गीतकार और राइटर थे पापा तबला वादक और गीतकार थे गोदना गोदा ले गीत पापा के लिखे हुए थे मम्मी राजभारती आर्केष्ट्रा की सिंगर थी पर परिवार में कोई नही है उर्वशी कहती है संगीत ही मेरा जीवन है संगीत नही तो मैं नही क्योकि मेरा नाम ही उर्वशी है जो इंद्र देव की नर्तकी थी एक्टिंग और डान्सिंग मेरा शौक है.
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अनुज शर्मा के अपोजिट काम करना चाहता है

हमर पारा तुंहर पारा फेम सुनील मानिकपुरी

     हमर पारा तुंहर पारा गीत से रातोरात प्रसिद्धि पाने वाले गायक सुनील मानिकपुरी छालीवुड सुपर स्टार अनुज शर्मा के बहुत बड़े फैन है.वे पहली बार फिल्म आई लव यू से बड़े परदे पर आये और छा गए. इस फिल्म मेंउन्होंने विलेन का किरदार निभाया है और साबित कर दिया कि वो एक अच्छे सिंगर के साथ साथ बहुत ही अच्छे एक्टर भी है.
      सुनील मूलत: चिरमिरी के रहने वाले है। सुनील ने अपनी कला यात्रा सन 2011 से शुरु की उसने अपनी खुद की एक देवी जागरण की एक टीम बनाई जिसमे हिंदी छत्तीशगढ़ी गीतों के माध्यम से प्रस्तुति देने लगे सुनील जहां देवी जागरण करते है वही लोक गीत कर्मा गीतों के मास्टर है सुनील सिंगर के साथ साथ एक अच्छे गीतकार भी है। अपने लिए गीतों की रचना वे खुद करते है हमर पारा तुंहर पारा उनकी खुद की रचना है जब सुनील के गीत छत्तीसगढ़ की फेमस कैसेट कंपनी सुंदरानी विडिवो वल्र्ड से निकली तो धूम मच गई। इसी के साथ सुनील का एक और नया रूप सामने आया जब सुंदरानी विडिवो वल्र्ड से इस साल की सबसे सुपर डुपर हिट फिल्म ढ्ढ द्यश1द्ग 4शह्व.में बतौर मेन खयनायक काम करने का मौका मिला तो इस फि़ल्म में सुनील ने राकेश के किरदार में जान डाल दी। उनके पास अभी लगभग 4 फिल्मे है जिसमे वेएक्टिंग करेंगे।सुनील कहते है उनका सपना है अनुज शर्मा के अपोजिट काम करने की है.सुनील ये भी कहते है मैं फि़ल्म करने में जल्दबाजी नई करता अच्छे डायरेक्टर,प्रोड्यूसर,और अच्छी कहानी हो और दमदार कैरेक्टर हो तो ही करना चाहूँगा।
 सुनील फि़ल्म के साथ साथ स्टेज शो भी करना चाहते है क्योकि दर्शको से सीधा स्टेज के माध्यम से जुड़कर प्यार आशीर्वाद मिलता है और लोक गीतों का एक अलग मजा है जो स्टेज शो में आता है।
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छालीवुड में एक बड़ा नाम है डॉ पुनीत सोनकर

बीता साल उनके लिए  रहा सुनहरा
       छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री में डॉ पुनीत सोनकर एक बड़ा नाम है. कैमरामेन से अपनी फि़ल्मी यात्रा की शुरुआत करने वाले डॉ पुनीत फिल्म लफंटूस में हीरो बनकर आ रहे हैं. यह फिल्म 2019 में रिलीज होगी। वे एक अच्छे लेखक है, कैमरामेन हैं, एडिटर है, तो उतने ही अच्छे अभिनेता भी हैं. वे कई फिल्मो में अपने अभिनय का जलवा दिखा चुके हैं.     छत्तीसगढ़ी भाषा में बनी फिल्म लफंटूस एक ऐसे चार दोस्तों की कहानी है जिसमे डॉ पुनीत सोनकर हीरो की भूमिका में है. साक्षी यादव उनकी नायिका है. 2018 उनके अभिनय यात्रा के लिए सबसे बेहतर साल रहा है तो 2019 रिलीजिंग के लिए उनके लिए लक्की साबित होगा। हरिओम फिल्मस के बेनर तले बनी फिल्म कहर प्रदर्शन के लिए तैयार है.उसके बाद उनके प्रोडक्शन की फिल्म हीरो हीरालाल टाकीजों में आएगी।  डॉ पुनीत सोनकर की दगा और एक अनाम फिल्म भी कतार में है. 2020 में डॉ पुनीत सोनकर अपने प्रोडक्शन हाउस से ही फिल्म बनाएंगे। विभिन्न निर्देशकों को अनुबंध कर वे फिल्म निर्माण में किस्मत आजमाएंगे। इसके लिए उनका आधुनिक फिल्म्स स्टूडियो बनकर तैयार है जिसका शुभारम्भ वे 14 जनवरी को मकर संक्रांति के पर्व पर करने जा रहे हैं. डॉ पुनीत सोनकर ने बताया की इस स्टूडियो में वे सब सुविधाएं उपलब्ध होंगे जो एक फिल्म निर्माण से लेकर रिलीजिंग तक के लिए जरूरी होता है.रिकार्डिंह, एडिटिंग,शूटिंग की सुविधाएं अत्याधुनिक होंगे।

तेजस गोहेल की छॉलीवुड में एंट्री


' जानू आई लव यू Ó होगी उनकी डेव्यू फिल्म

- अरूण बंछोर
 तेजस गोहेल छत्तीसगढ़ फि़ल्म इंडस्ट्री में अपने अभिनय के दम से , एक नया मुकाम कायम करना चाहते है। 

वो एक अछे कलाकार के साथ ही, एक लेखक भी है। ये फि़ल्म जानू आई लव यू  एक रोमांटिक कॉमेडी है। ओर इसकी कहानी पूर्ण रूप से आजकल के युवाओं के ऊपर है, जोकि किस तरह से आजकल अपने मोबाइल और अपने परिचय के दम पर हर तरह का काम करते है, वैसे ही दिखाया गया है। तेजस ने इस फि़ल्म के पहले कुछ शार्ट फि़ल्म ओर कॉमेडी वीडियो बनाये है, यूट्यूब पे। जिससे कि उनको बहोत प्रोत्साहन मिला है और वो अब फि़ल्म बना रहे है। और इस फि़ल्म में उनकी हिरोइन विजेता मिश्रा है। जो छत्तीसगढ़ फि़ल्म इंडस्ट्री में अपना जलवा दिखा रही है, ओर भोजपुरी मूवी में भी नजऱ आ चुकी है। तेजस का कहना है कि, विजेता के साथ काम करना उनके लिए अच्छा अनुभव है। बहुत कुछ जानने ओर सीखने मिला। जैसे ही उनके मन मे फि़ल्म बनाने का विचार आया तो राजू पांडे छत्तीसगढ़ फि़ल्म इंडस्ट्री , कवर्धा के अध्यक्ष है के मार्गदर्शन हमें मिला और हम फि़ल्म बना रहे है, राजू पांडे हमारे फि़ल्म में मुख्य विलन में नजऱ आएंगे।और इस फि़ल्म के प्रोड्यूसर शैलेश मिश्रा  है, ओर डायरेक्टर बीरबल पाणिग्रही है।तेजस कहते है कि इस फि़ल्म का टॉपिक कुछ अलग है जिसमे रोमांस ओर एक्शन आपको थोड़ा अलग नजऱ आएगा। ओर इस फि़ल्म से उनको बोहोत आशाएं है कि यह फि़ल्म दर्शको को बोहोत पसंद आएगी और इस फि़ल्म से वो छोलीवुड में वो अपनी एक नई पहचान बनाना चाहते है। इस मूवी के हीरो तेजस गोहेल का कहना है कि वो इस मूवी को करने से पहले कुछ शार्ट फिल्मे ओर कॉमेडी वीडियोस भी बना चुके है। ओर फि़ल्म में काम करना उनकी एक बड़ी महत्वाकांक्षा है, ओर फि़ल्म की स्क्रिप्ट भी उन्होंने ही लिखी है,ओर ये एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है, जिसको बॉलीवुड पैटर्न में बनाया जा रहा है, ओर डायरेक्शन दिया है।

छत्तीसगढ़ी फिल्मों को प्रमोट करें सरकार

- तपेश जैन

देश-दुनिया में छत्तीसगढ़ की अलग पहचान है। छत्तीसगढ़ी की विशिष्ट कला-संस्कृति, मीठी बोली भाषा और सबसे बड़ी विशेषता यहां के रहवासियों का भोलापन छत्तीसगढ़ की खासियत है। इन सबको संरक्षित करने में छत्तीसगढ़ी फिल्में अहम भूमिका अदा करती है और छत्तीसगढ़ की पहचान को नया आयाम प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान है। अत: राज्य सरकार को छत्तीसगढ़ी फिल्मों को प्रमोट करना चाहिए और जो समस्याएं है उसका समय रहते निराकरण करना चाहिए। यह कहना है फिल्मकार तपेश जैन का।
अब तक चालीस से भी ज्यादा डाक्युमेंट्री फिल्म, टेली फिल्म और शार्ट फिल्में बना चुके श्री जैन पेशे से पत्रकार है और सामाजिक सरोकार से जुड़ी फिल्म निर्माण से उन्हें जाना जाता है। इतना ही नहीं श्री जैन अब तक पंाच पुस्तक लिख चुके है और कई इवेंट भी आर्गेनाइज कर चुके है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी तपेश जैन छत्तीसगढ़ी कला-संस्कृति, भाषा बोली और पर्यटन से जुड़े विषय के जानकार है। फिल्मकार श्री जैन का कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन सन् 2000 के बाद छत्तीसगढिय़ों को बहुत उम्मीदें थी कि अलग राज्य के दर्जे से उनकी विशिष्ट पहचान को संरक्षण मिलेगा लेकिन सत्रह साल बाद भी छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग को निराशा ही हाथ लगी। कई बार मांग-ज्ञापन, धरना-प्रदर्शन के बाद भी राज्य सरकार में अफसरशाही हावी है और बाहरी अधिकारी रोड़ा बने हुए है। क्षेत्रवाद के किसी भी प्रयास को वे पनपने नहीं देना चाहते है इसलिए अच्छे काम में भी बाधा बने हुए है।ये छत्तीसगढिय़ों का भोलापन भी है कि इतनी उपेक्षा के बाद भी अन्य प्रदेशों की तरह उग्र आंदोलन और प्रदर्शन यहां नहीं हुआ। राजनेताओं की मजबूरी ही कहा जाएगा कि कई मंचों पर घोषणा के बाद भी सरकारी अमला उन घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने में आनाकानी कर रहा है और वे धैर्य रखे हुए है। चुनावी वायदों को पांच साल में पूरा करने का समय और फिर जनता को फिर छलावा देने में माहिर राजनैतिक दल छत्तीसगढ़ी फिल्म जगत से जुड़े लोगों को आश्वासन की घुट्टी पिलाना अच्छे से जानते है इसका सबूत है छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम का अब तक गठन नहीं हो पाना।

छालीवुड की बेहतरीन अदाकारा अंजना दास

- अरुण कुमार बंछोर

  1. अंजना दास होम प्रोडक्शन की फिल्म बिन बिहाव गवना में दोहरी भूमिका में भी नजर आएंगी । यह फिल्म जल्द ही रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म की डायरेक्टर उनकी मम्मी है। अंजना कहती है की यह फिल्म भी बहुत ही अच्छी बनी है। यह दो बहनों की कहानी है और दोनों बहनों की भूमिका में अंजना दास ही नजर आएंगी। अंजना ने इस फिल्म के लिए बहित ही मेहनत की है। उनके मम्मी पापा ने बेटी को लेकर बिन बिहाव गौना बनाई है जो एक पारिवारिक फिल्म है जिसमे अंजना की भूमिका भी प्रभावशाली है।
छालीवुड की बेहतरीन अदाकारा अंजना दास इन दिनों अपनी नई फिल्म लफंटूस की शूटिंग में व्यस्त हैं.छत्तीसगढ़ के दर्शक उन्हें नई नई भूमिका में देखना पसंद करते हैं. अंजना इसके पहले सउत - सउत के झगरा फिल्म की शूटिंग पूरी की थी.एजाज वारसी के निर्देशन में बन रही फिल्म लफंटूस में वे अभिनेता किस कुमार के साथ मुख्य भूमिका में है. अंजना मेरी बेटी की तरह है जब मै काफी दिनों बाद उनसे फिल्म लफंटूस के सेट पर मिला तो वह भावुक हो उठी थी. उन्होंने कहा कि लफंटूस एक बेहतरीन फिल्म है अच्छी कहानी पर शूट की जा रही है.इससे मुझे काफी उम्मीद हैं.एजाज वारसी जी ने मुझ पर जो भरोसा जताया है, उस पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगी।
अंजना की एक ही तमन्ना है कि वे छालीवुड फिल्मों में अपनी अदाकारी से नाम कमाकर अपनी माता पिता का सपना पूरी कर सके. उनमे खूबियों का खजाना है। वे एक अच्छी कलाकार है। उन्हें अपने काम के प्रति जूनून है। उनका सपना छालीवुड के साथ बंगाली फिल्मों की स्टार बनने की भी है।  छत्तीसगढ़ी फिल्मों के साथ साथ अंजना अभी हिन्दी और भोजपुरी फिल्मों में भी अपनी कला का लोहा मनवा रही हैं। उन्होंने सात फिल्में और 150 से ज्यादा एल्बम किया है। अंजना को एक्टिंग का शौक नहीं था, पर मम्मी डॉ काजुल दास की जिद्द और मेहनत ने उसे छालीवुड की एक अच्छी अदाकारा बना दी है. मम्मी -पापा ही अंजना के लिए सब कुछ है यही कारण है कि अब अंजना के लिए एक्टिंग शौक नहीं , पागलपन बन गया है। वे कहती है कि़ शौक तो ख़त्म हो जाता है पर पागंलपन हमेशा बना रहता है। ये मेरा जूनून है जो कभी ख़त्म नहीं होगा। अब यही उनका करियर है। अंजना की फिल्मों में एंट्री भी दिलचस्प है.  मनोजदीप के एक एल्बम में उनकी एक्टिंग से प्रभावित होकर फिल्म असली संगवारी के डायरेक्टर ने उन्हें अपने फिल्म में ले लिया। उसके बाद वे  मुड़कर नहीं देखी।

लफंटूस की तीन बेहतरीन अदाकारा

ज्योति, माही और साक्षी दिखाएंगी जलवा

एजाज वारसी के निर्देशन में बन रही फिल्म लफंटूस में एक दो नहीं बल्कि चार चार नायिका हैं जिनमे से एक अंजना दास से हमने आपको रूबरू करा दिया है आज हम तीन नायिका ज्योति वैष्णव, माही अहीर और साक्षी यादव की बात करेंगे। तीनों ही बेहतरीन अदाकारा है फिल्म में इनके अभिनय ने चार चाँद लगा दिए हैं. निर्देशक एजाज वारसी कहते हैं कि ये नायिकाएं अभिनय के क्षेत्र  बॉलीवुड कलाकारों से कम नहीं है. हमने लफंटूस की शूटिंग में इन्हे फाइट करते देखा है. गजब की अदाकारी दिखी।

ज्योति वैषणव -  एक्टिंग मैंने खुद से सीखा है


छालीवुड को ज्योति वैष्णव के रूप में अब एक नई नायिका मिल गयी है। ज्योति ने अंधियार फिल्म से फि़ल्मी दुनिया में कदम रखा था और इस समय लफंटूस की शूटिंग में व्यस्त है। उनकी एक्टिंग में दम है. ज्योति एक अच्छी कलाकार है तो उतने ही अच्छी डांसर भी है। वे कहती है कि छालीवुड में अपने दम पर कुछ करके दिखाना चाहती है। उनकी तमन्ना एक अच्छी फिल्म अभिनेत्री बनने की है।  ज्योति कहती है कि एक्टिंग मैंने खुद से सीखा है । एल्बम में डायरेक्टर मनोज् दीप  ने मेरा काम देखा और मौका दिया है।बस एक ही तमन्ना है कि छालीवुड में अपनी मेहनत से एक अच्छी एक्ट्रेस बनना चाहती हूँ।
छत्तीसगढ़ में नायिकाओं की कमी है पेशेवर नायिका नहीं होने के कारण यहाँ के निर्माताओं को बाहर से नायिका बुलानी पड़ती है। उम्मीद है ज्योति इस कमी को पूरा करेगी। ज्योति का कहना है कि जब मैं कोई भूमिका निभाती हूँ तो पहले गंभीरता से मनन करती हूँ। यही कारण है कि ज्योति एक बेहतर अदाकारा साबित हुई हैं.
माही अहीर- बहुत उम्मीद है

माही अहीर का कहना है कि छालीवुड ही मेरी जिन्दगी है और मै यहाँ काम करती रहूंगी। फिल्म लफंटूस से मुझे काफी उम्मीद है। कई फिल्मो में अपने अभिनय का जलवा  माही कहती है कि काम नहीं मिलने पर मै निराश भी नहीं होती। छालीवुड में काम करने वाली सभी एक्ट्रेस उनके आदर्श है। क्योकि सबसे मुझे कुछ ना कुछ सीखने को ही मिलता ही है। मै अपने कामो से पूरी तरह से संतुष्ट हूँ।  उनकी आने वाली फिल्म है-  अंधियार। लफंटूस को लेकर माही अहीर बहुत ही उत्साहित है क्योकि इस फिल्म में उन्होंने नायिका की भूमिका अदा की है। वे कहती है कि वे नक़ल नहीं करना चाहते और अपने बलबूते पर ही आगे बढऩा चाहते हैं।
 
साक्षी यादव - आइटम डांस मेरी पहली पसंद
 
छालीवुड के चर्चित आइटम गर्ल साक्षी यादव एजाज वारसी निर्देशित फिल्म लफंटूस में पहली बार नायिका की भूमिका में है. वे कई फिल्मों में आइटम डांस कर चुकी है. उनकी अपनी कला में खुद की पहचान है.फिल्म लफंटूस के सेट पर हमने उनसे मुलाक़ात की.उन्होंने कहा कि इस फिल्म में नायिका की भूमिका करना उनके लिए बहुत बड़ी उप्लब्द्धी है. वैसे मेरी पहली पसंद आइटम डांस ही है और मै हीरोइन के बजाय आगे आइटम डांस करना की पसंद करूंगी। साक्षी यादव का कहना है कि फिल्म लफंटूस मेरे लिए एक बड़ी कामयाबी है मैं आभारी हूँ एजाज सर का जिन्होंने मुझे इस लायक समझा। यह एक बहुत ही अच्छी फिल्म है और मुझे इस फिल्म से बहुत ही उम्मीद है. +