रविवार, 2 जून 2019

निर्देशक सूरजचन्द्र रथ को बालीफूल पर भरोसा

- अरुण कुमार बंछोर
  • छत्तीसगढ़ में बन रही फिल्म च्च्बॉलीफूल वेलकम टू बस्तरज्ज्के निर्देशक सूरजचन्द्र रथ को भरोशा है कि उनकी फिल्म दर्शकों को खूब भाएगी।उनका कहना है की इस फिल्म के लिए सारे कलाकार बेहद मना कर रहे हैं.मेरी खुद की कोशिश है कि शत -प्रतिशत परिणाम दूँ. छत्तीसगढ़ में फिल्म व्यवसाय नहीं कर पाती इस बारे में उनका कहना है कि यहां एक ही तरह की फिल्मे बंनती है. जिससे दर्शक बोर हो गए हैं. अलग अलग तरह की फिल्मे बनती रहना चाहिए.
'बॉलीफूल वेलकम टू बस्तरÓ छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली फिल्म होगी जो वास्तविकता से परिपूर्ण बस्तर की संस्कृति पर बनाई जा रही है. इस फिल्म में वो सब कुछ होगा जो दर्शकों को चाहिए होता है. इसलिए मुझे भरोसा है कि हमनारी फिल्म दर्शकों को बनहुत पसंद आएगी । 'बॉलीफूल वेलकम टू बस्तरÓ के सेट पर हमने उनसे फि़ल्म के बारे में बातचीत की.

0 आपको बस्तर और बॉलीफूल पर फिल्म बनाने की क्यों सूझी?
दरअसल यहां एक ही तरह की फिल्मे बनती है. मुझे लगा कि अपने राज्य और उनकी संस्कृति के बारे में जनता को जानकारी होनी चाहिए।इसलिए मैंने च्च्बॉलीफूल वेलकम टू बस्तरज्ज् बनाने का निर्णय लिया , जो सच से परिपूर्ण है.
ऐसा क्या है इस फिल्म में जो दर्शक फिल्म देखे ?
इस फिल्म में हमने बस्तर की संस्कृति को दिखाने की कोशिश की है.बॉलीफूल एक प्यार की पहचान है गर्लफ्रेंड है. उसे फिल्म के माध्यम से हमने बताने का प्रयास किया है. मनोरंजन, कॉमेडी, एक्शन और रोमांस है जो दर्शकों को पसंद आएगी। प्यार और समस्या को खूबसूरती से फिल्माया गया है.
0 बस्तर और समाज को लेकर इस फिल्म में क्या है ?
सब कुछ है बॉलीफुल एक प्रेम कहानी पर आधारित है.सामाजिक समस्याएं क्या क्या आती है उसे कैसे सुलझाया जाता है, हमने फिल्म में दर्शाया है. खूबसूरत सामाजिक सन्देश है इस फिल्म में.
0 सवाल उठ रहा है कि इस फिल्म की शूटिंग बस्तर में क्यों नहीं की जा रही है?
बस्तर में भी शूटिंग करेंगे। खूबसूरत वादियों को दिखाया गया है. बस्तर में शूटिंग न करने की बात सही नहीं है. शूटिंग मुम्बई से शुरू हुई है और बस्तर में जाकर ख़त्म होगी।
0 कहा जा रहा है कि फिल्म में बस्तर की संस्कृति का मजाक उड़ाया जा रहा है?
छत्तीसगढ़ में बन रही फिल्म 'बॉलीफूल वेलकम टू बस्तरÓ के निर्देशक सूरजचन्द्र रथ को भरोशा है कि उनकी फिल्म दर्शकों को खूब भाएगी।उनका कहना है की इस फिल्म के लिए सारे कलाकार बेहद मना कर रहे हैं.मेरी खुद की कोशिश है कि शत -प्रतिशत परिणाम दूँ. छत्तीसगढ़ में फिल्म व्यवसाय नहीं कर पाती इस बारे में उनका कहना है कि यहां एक ही तरह की फिल्मे बंनती है. जिससे दर्शक बोर हो गए हैं. अलग अलग तरह की फिल्मे बनती रहना चाहिए.
0 कहा जा रहा है कि फिल्म में बस्तर की संसकृत्रि का मजाक उड़ाया जा रहा है?
ऐसा बिलकुल भी नहीं है. हम बस्तर की संस्कृति से ही दर्शकों को अवगत करा रहे हैं. जो बाते मीडिया में आई है वह सच से परे है.कुछ फोटोग्राफ्स सोशल मीडिया में आया है वह फिल्म से सम्बंधित नहीं है , वह निजी है.जनता इस पर ध्यान ना दे.
0 फिल्म बनाने के कोइ ख़ास अनुभव जो सामने आया हो ?
फिल्म बनाने में अनुभव अच्छा ही रहा है. सारे कलाकार बेहद मेहनत और सहयोग कर रहे हैं. चिलचिलाती धुप में शूटिंग करना बड़ी चुनौती है फिर भी हमारे कलाकार डटे हुए हैं.
0 आपकी नजर में ऐसा क्या है कि छत्तीसगढ़ी फिल्म व्यवसाय क्यों नहीं कर पा रही है?
कांसेप्ट अच्छी हो , अलग अलग तरह की फिल्म बने तो जरूर चलेगी। यहां एक ही तरह की फिल्मे बनती है.इसलिए दर्शक ऊब जाते हैं. इस फिल्म में वो सब कुछ है जो दर्शक को चाहिए होता है.
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