छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री में कोरियोग्राफी की बात चले और निशांत उपाध्याय के नाम की चर्चा न हो यह असंभव है। बचपन में घर वालों से छिपकर स्टेज प्रोग्राम में परफार्मेंस देने वाला निशांत आज छत्तीसगढ़ी फिल्म जगत में मशहूर कोरियाग्राफर बन चुका है। हाल ही में निशांत ने छत्तीसगढ़ी फिल्म महूं कुवारा तहूं कुवारी में कोरियोग्राफी की भूमिका निभाई है। यह फिल्म 26 अप्रैल को रिलीज होने जा रही है।
निशांत उपाध्याय ने अपने जीवन से जुड़ी उपलब्धियों पर खास चर्चा की। उन्होंने बताया कि बचपन से ही डांस करने का उनका शौक रहा पर घर वाले इससे बेहद गुस्से में रहते थे। आये दिन घर में फटकार भी मिला करती थी। वर्ष 1999 के दशक में अपने मुहल्ले में हुए एक स्टेज प्रोग्राम में भाग लिया था और उसमें 'हवा-हवा ऐ हवा खुशबू लुटो देÓ गाने पर उन्होंने डांस किया था। इस प्रोग्राम में उन्हें प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। यहीं से उनके जीवन में बदलाव आया और कुछ सालों के बाद संजय मैथिल के साथ थियेटर ज्वाइन कर लिया। इसके बाद अलबम का दौर आया तो मोहन सुंदरानी ने उन्हें कोरियोग्राफी करने का अवसर प्रदान किया। कुछ दिनों तक उन्होंने फिल्मों में बैकग्राउंड डांसर का भी रोल किया। इसके बाद उनका हुनर बढ़ता ही गया। वर्तमान में निशांत पांच हजार से अधिक गानों की कोरियोग्राफी कर चुके हैं। पिछले 18 सालों से छत्तीसगढ़ में आयोजित होने वाले अवार्ड फंक्शनों में निशांत को बेस्ट कोरियोग्राफर का अवार्ड मिलता आ रहा है। यह उनके लिये बड़ी उपलब्धि है।
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