रविवार, 21 जनवरी 2018

एक्टिंग मेरा पेशा नहीं है, शौक है तारा साहू

राजू दिलवाला में अहम किरदार में है

- श्रीमती केशर सोनकर
स्टेज शो में अपनी एक खास पहचान बना लेने और साथ ही तीन फिल्में कर लेने के बाद भी छत्तीसगढ़ की अभिनेत्री और सिंगर तारा साहू को एक ऐसी मूवी का इंतजार है, जिसमें उनका काम अलग दिखे। परदे पर वे भले कम दिखें, लेकिन भूमिका ऐसी हो, जो पूरी फिल्म पर अलग छाप छोड़ जाए।

यह बात उन्होंने तब कही, जब वे छालीवुड स्टारडम के साथ एक खास चर्चा कर रही थीं। आपको बता दें, अब तक तारा साहू कई छत्तीसगढ़ी फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं। जिसमें किरिया, चक्कर गुरूजी के और बाप बड़े न भईया-सब ले बड़े रुपइया प्रमुख हैं। वे बताती हैं, किरिया में वे लीड रोल पर थीं, जबकि चक्कर गुरूजी के में उन्होंने टीचर का किरदार निभाया। बाप बड़े न भईया-सब ले बड़े रुपइया में उन्होंने हीरो की भाभी यानी मंझली बहु की भूमिका निभाई। तारा कहती हैं, मैं उन लोगों में शामिल हूं, जिनका मकसद हीरोइन बनना ही नहीं है। हां, यह जरूर है कि अच्छी कहानी और अच्छी भूमिका मिली तो जरूर करूंगी। वे कहती हैं, एक्टिंग मेरा पेशा नहीं है, मेरा शौक है। इसलिए अच्छे प्रोजेक्ट्स चून कर करती हूं।

तारा साहू यह भी कहती हैं, कि सिंगिंग मेरा पेशा है। मैं रंग-तरंग नाम से खुद का स्टेज शो करती हूं, लेकिन इन दिनों सरकारी कार्यक्रमों का समय पर भुगतान न हो पाने के कारण छत्तीसगढ़ के कलाकार परेशान हैं। छत्तीसगढ़ी व्यंजन, छत्तीसगढ़ की जीवन शैली, गार्डनिंग, कुकिंग जैसी एक्टिविटीज का शौक रखने वाली अदाकारा तारा कहती हैं, कि सरकार को न केवल कलाकारों के हितों का ध्यान रखना चाहिए, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा के उत्थान के लिए भी ठोस कदम उठाने चाहिए। तारा बताती हैं, कि अभी उनकी दो फिल्में रीलिज होने के लिए तैयार हैं, जिसमें से एक है राजू दिलवाला और दूसरी है अंधियार । प्रकाश अवस्थी निर्देशित और अभिनीत राजू दिलवाला में भी तारा एक अहम किरदार में आ रही हैं। वे पूरे समय स्क्रीन पर हीरोइन शिखा चितांबरे के इर्द-गिर्द ही नजर आएंगी। यह फिल्म 25 जनवरी 2018 को रीलिज होने जा रही है।
तारा कहती हैं, अंधियार में भी उनकी भूमिका एक फ्रेंड की ही है। यह फिल्म एजाज वारसी के निर्देशन में बनी है। आपको बता दें, तारा साहू का नाम छत्तीसगढ़ी कला जगत में उन नामों में शुमार हैं, जो अपने काम से मतलब रखती हैं। उनके बारे में अक्सर कहा जाता है कि वे बेहद रिजर्व नेचर की हैं। लेकिन इसके जवाब में तारा यह कहती हैं, कि शो और शूट से जो भी समय बचता है, उसमें या तो वे परिवार के साथ होती हैं या फिर रियाज करती हैं। खाली समय में पढऩा-लिखना और देश-दुनिया की खबरें जानना भी तारा साहू के रूटीन में शामिल है।

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