नायक, खलनायक, लेखक, निर्देशक साहित्यकार, कवि, रंगकर्मी, पटकथा जैसे अनेक कलाओं में पारंगत डॉ अजय मोहन सहाय इन दिनों अपने दर्जन भर फिल्मो के रिलीज ना होने से काफी आहत हैं फिर भी वे लगातार फिल्मे कर रहे हैं . व्यस्तता इतनी ज्यादा है कि उन्हें कई फिल्में छोडऩी पडी है. छत्तीसगढ़ी फिल्मों का वे एक आधार स्तम्भ है। उन्होंने एक नहीं कई भाषाओं की फिल्मो में अभिनय कर सबके सामने एक चुनौती पेश की है। जितने अच्छे वे मधुमेह व् हृदयरोग विशेषज्ञ है उतने ही बेहतर कलाकार है। छालीवुड में डॉ सहाय एक ऐसे नायक खलनायक लेखक ,निर्देशक है जिन्होंने फिल्म उद्योग पर हर भूमिका में एकछत्र राज कर रहे हैं और अपने अभिनय का लोहा मनवाया है । अवार्डों के बादशाह हम उन्हें यूं ही नहीं कहते। विभिन्न कलाओं और समाजसेवा में उनके नाम 150 से अधिक अवार्ड है. अभी हाल ही में उन्हें गुजरात में ग्लोबल डिग्नीटरी 4 अवार्ड और रायपुर में अखिल भरतीय कायस्थ महासभा द्वारा उत्कृष्ट सेवा सम्मान से अलंकृत किया गया है. उन्होंने टीवी धारावाहिक सावधान इंडिया में भी काम किया है. सतीश जैन की हंस झन पगली फंस जाबे, प्रेम चन्द्राकर की लोरिक चंदा, जेठू साहू की सॉरी लव यू, गणेश मेहता की 4 फंटूश (हिंदी), राठौर निर्मित साउंड ऑफ वाटर (हिंदी) उनकी हालिया अभिनीत फिल्में है। हिन्दी धार्मिक फिल्म भक्त माँ कर्मा, अंधियार, कहर जैसी फिल्मों के प्रदर्शित होने का उन्हें ब्रेसब्री से इंतजार है।
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