बिलासपुर पॉलिटेक्निक की पढ़ाई पूरी कर गुलशन साहू कब एक्टिंग की राह में आ गए उन्हें भी खुद पता नही चला नियति इसे ही कहते है भक्त माँ कर्मा (हिंदी फिल्म)में वो मुख्य किरदार का रोल कर रहे थे इसी बीच शूटिंग के दौरान डायरेक्टर सुनील सागर फिल्म के यूनिट से मिलने आये हुए थे तब उनसे मुलाकात हुई और एक महिने बाद उनका फोन आया और कहा की एक करेक्टर है। जिसे आपको करना है और गुलशन ने कहा मैंने तुरंत हामी भर दी।
बाद में पता चला की ये फिल्म के मुख्य भूमिका में से 1 हीरो का रोल है। इसमें मैं दीवाना36 गढिय़ा के हीरो केशव् वैष्णव(अमर) के छोटे भाई (किशन) का रोल कर रहा हु जो कॉलेज गोइंग नटखट चुलबुला और अपने परिवार (ललित उपाध्याय जी,और उपासना वैष्णवजी मेरे माँ बाप के रोल में है)को दिलोजान से चाहने वाला बंदा है किशन की एक प्रेमिका(पूजा देवांगन)भी है जिससे वो शादी करना चाहता है पर एक घटना के बाद पूरे परिवार की खुशियाँ मातम में बदल जाती है . किशन के रोल में मुझे सुनील सागर जी ने अलग अलग एक्सप्रेशन के डायलॉग और एक्टिंग के गुर बताये जोकि भविष्य में मेरे बहुत काम आने वाले है मेरा बस यही मानना है कि समर्पण के साथ अपने किरदार को निभाने से दर्शको का आशीर्वाद जरूर मिलता है इस फिल्म के संवाद गाने और कहानी अलग ही अंदाज में पेश करने की कोशिश डायरेक्टर सुनील सागर जी ने बहूत मेहनत और लगन से की है जिसे दर्शक अवश्य पसंद करेंगे, आप सबके आशीर्वाद से दिग्गज डायरेक्टर प्रेम चन्द्राकर जी की फिल्म (लोरिक चंदा )और हरीश नागदौने सर के डायरेक्शन की फिल्म(अंगार )मे भी मैं मुख्य भूमिका में दिखूंगा,इसके अलावा 2फिल्मे भी मेरी मुख्य अभिनेता के तौर पर आने वाली है प्रेम अमर हे मेरी पहली मुख्य भूमिका वाली फिल्म होगी इससे पहले मैंने कुछ फिल्मो में चरित्र अभिनेता का संक्षिप्त रोल निभाया है आशा करता हु दर्शको को मेरा ये किशन का रोल पसंद आयेगा मैं शानदार निर्माता और समाजसेवी बहुमुखी प्रतिभा के धनी जेठू साहूजी और डायरेक्टर सुनील सागर जी का दिल से आभारी हूं कि उन्होंने मुझे अपनी फिल्मों में मौका दिया.
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