शनिवार, 30 सितंबर 2017

फ़िल्मी खबरें

छत्तीसगढ़ की प्रिया की छोटे परदे पर धूम

छत्तीसगढ़ की बेटी प्रिया शर्मा आज छोटे परदे पर अपने अभिनय का जादू बिखेर रही है। सीआईडी जैसे धारावाहिक में काम करना सबका सपना होता है प्रिया को मुम्बई जाते ही सीआईडी में काम करने का मौका मिला. ससुराल सिमर का, अकबर बीरबल, जय श्री अग्रसेन जैसी शारावाहिक कर रही प्रिया का कहना है कि लोग मुझे मेरे अभिनय से पहचाने बस यही तमन्ना है। वे कहती है कि छत्तीसगढ़ी फिल्मो के लिए राज्य सरकार को बेहतर से बेहतर करना चाहिए। प्रिया को दु:ख इस बात का है कि आज के युवा अपनी भाषा के प्रीति रुचि नहीं रखते।
त्रिवेणी अब 9 नवंबर को आएगी
पीवीबी के बैनर तले बनी फिल्म त्रिवेणी अब 9 नवंबर को रिलीज होगी।पहले यह फिल्म आज यानी 29 नंवंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन सेंसर बोर्ड ने खूनखराबे वाली दृश्य पर आपत्ति जताई है. निर्माता चंद्रशेखर
चौहान भी उस दृश्य को हटाने के लिए तैयार नहीं है और सेंसर बोर्ड से टकराने के मूड में है.यह फिल्म महिला प्रधान है,जिसमे महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों को दर्शाया गया है. प्रताडि़त महिलाओं पुरुषों को सबक सिखाती है. फिल्म में चंद्रशेखर चौहान, डॉ अजय सहाय, उषा विश्वकर्मा, पूजा देवांगन, मेहर, अहाना दिखाई देंगे। फिल्म का डायरेक्शन एजाज वारसी का है.
डिब्बे में गयी शीतला माई
डायरेक्टर मनोजदीप के निर्देशन में बन रही जय शीतला माई एक बार फिर डब्बे में चली गयी. लगता है शीतला माई छालीवुड से नाराज है क्योकि जब जब फिल्म बनने को आई तब तब फिल्म का काम रूका। डायरेक्टर मनोजदीप ने जब पहली बार शीतला माई की शूटिंग शुरू की तब कहानीकार और स्क्रिप्ट लेखक ने आपत्ति की. मनोजदीप ने फिर इसे बंद कर नई कहानी लेकर शीतला माई की शूटिंग शुरू। अब कलाकारों के बीच मतभेद होने के कारण यह फिल्म बंद हो गयी. इसकी काफी शूटिंग हो चुकी है.अब आगे इसकी शूटिंग होने की संभावना लगभग ख़त्म हो गयी है. इस फिल्म में जीत शर्मा, राजेश पंडया, दिव्या यादव, ज्योति वैष्णव, श्वेता शर्मा कलाकार है.
आशीष शेंद्रे छाये रहें साल भर
छालीवुड के सीनियर कलाकार आशीष शेंद्रे मनोज वर्मा की फिल्म भूलन द मेज करने के बाद साल भर छाये रहेंगे। वे अपने अभिनय से काफी संतुष्ट हैं। वे एक मंजे हुए कलाकार है उन्हें कला अपने पिताजी से विरासत में मिली है। आशीष शेंद्रे के नाम कई हिट फिल्मे है। वे हर प्रकार की भूमिका को निभाने में माहिर है। वे छालीवुड के कादर खान है। छत्तीसगढ़ी फिल्मों में अपनी अभिनय का लोहा मनवा चुके अभिनेता आशीष शेंद्रे की तमन्ना है कि हिन्दी फिल्मो में भी अभिनय करने की है। भूलन को वे अपने जिंदगी का सबसे बेहतरीन उपलब्धी मानते हैं। साल 2017 में सबसे व्यस्त रहने वाले कलाकार आशीष शेंद्रे ही हैं.
दो बहनों की कहानी है मोर मया ला राखे रहिबे
छत्तीसगढ़ी एवं भोजपुरी में बनकर तैयार फिल्म मोर मया ला राखे रहिबे एक पारिवारिक फिल्म है जिसमे दो बहनों की कहानी को बेहतर ढंग से चित्रित किया जाएगा। यह फिल्म अगले महीने रिलीज होने जा रही है। बाबी खान , राजेश नायक, अक्षरा सिंह, प्रतिभा पांडे, शैलेन्द्र साव , शैलेन्द्र भट्ट, श्वेता शर्मा, ललित उपाध्याय एवं अनुराधा दुबे मुख्य भूमिका में है। भोजपुरी में अविनाश मिथलेश और छत्तीसगढ़ी में राजेश नायक इस फिल्म का निर्देशक हैं। एबी फिल्म्स के बेनर तले बनी इस फिल्म के कैमरामेन तोरण राजपूत हैं। इस फिल्म के ड्रामा पोरशन की शूटिंग तरपोंगी में और क्लाईमेक्स की शूटिंग माढर में हुई है। फिल्म के सहायक निर्देशक भूपेन्द्र चंदनिया है।
सजना साथ निभाबे में एलीना
छत्तीसगढ़ी फिल्म सजना साथ निभाबे में छालीवुड की नायिका एलीना डेविड मसीह भी नजर आयेंगी। इस फिल्म की अधिकाँश शूटिंग डोंगरगढ़ में की गयी हैं। एलीना इस फिल्म में उर्वशी साहू की बेटी की भूमिका में हैं। एलीना को इस फिल्म से बहुत ही उम्मीद है। वे कहती है कि फिल्मों में अपनी भूमिका को इंज्वॉय करती
हूँ। जो भी भूमिका मिलती है उसमे डूब जाती हूँ और दिल से पूरा करती हूँ ताकि लोग मेरे अभिनय को सराहे। बचपन से ही मेरी रूचि कला के क्षेत्र में रही है। मुझे गाने का बहुत शौक था। टीवी रेडियो में गाने देखकर सुनकर मुझे भी वैसे ही बनने की इच्छा होती थी। बचपन से ही उनकी रूचि कला के क्षेत्र में रही है। उन्हें एक्टिं का बहुत शौक था। टीवी देखकर उसे भी वैसे ही बनने की इच्छा होती थी। और आज वे सफलता के मुकाम पर है।

मेरा छालीवुड पेज


लगन ने बनाया आदित्य को एक्टर

 भोजपुरी फिल्म की तैयारी में जुटे
- श्रीमती केशर सोनकर
मन में दृढ़ इच्छा और लगन हो तो कोइ भी काम असम्भव नहीं होता। जो मन में ठान ले उसे पूरा करके ही रहता है। यह साबित किया है आदित्य दीपक देवांगन ने। छालीवुड में काम करने वाली सभी एक्टर उनके आदर्श है।
उनका मानना है कि सबसे मुझे कुछ ना कुछ सीखने को ही मिलता ही है। वे अपने कामो से पूरी तरह से संतुष्ट है। आदित्य को कभी निराशा नहीं होती और ना ही वे किसी की नक़ल नहीं करना चाहते , अपने बलबूते पर ही आगे बढऩा चाहते हैं। दीपक रोज 15 रुपये कमाकर अपनी पढ़ाई पूरी की और आज वे बड़ी कंपनी में रीजनल मैनेजर है. उनके पिताजी आज भी सब्जी बेचने का काम करते हैं. दीपक ने दो फिल्मे की है और बतौर हीरो उनकी तीसरी फिल्म तहार दुपट्टा सरक गईल की शूटिंग जल्द शुरू होने वाली है.आदित्य से हमने हर पहलुओं पर बात की है. पेश है बातचीत के सम्पादित अंश.
आपको एक्टिंग के प्रति कैसे दिलचस्पी हुई ?
बचपन से शौक था एक्टिंग करने का। लोगो को देखकर लगा की मुझे भी इस क्षेत्र में कुछ करना चाहिए।फिल्म छइयां भुईंयां देखी तब से मन में लगन जागी।
कैसे और कहाँ से आपने एक्टिंग का सफर शुरू किया?
बचपन में मै स्कूल में ड्रामा किया करता था। बाद में मुझे नाटकों का शौक हुआ। ऐसा करते करते मैंने छत्तीसगढ़ी फिल्मो की ऑर कदम बढ़ाया।
सूना है आपने बहुत संघर्ष किया है?
जी हाँ! मैंने बचपन में सोनपापड़ी बेचा करता था.रोज 15 रुपये मिला करते थे जिससे मैंने पढ़ाई की. मेरे पिताजी आज भी सब्जी का धंधा करते हैं.
फिल्मों में काम करते आपको कितना वक्त हो गया ?
पिछले कुछ सालों से ही मै इस क्षेत्र में काम कर रहा हूँ। मेरी पहली फिल्म जुग जुग बंधना है ,फिर प्रेम छत्तीसगढिय़ा में सेकण्ड लीड रोल किया।
अब तक की आपकी उपलब्धी क्या है?
मैंने 3 छत्तीसगढ़ी फिल्मो में काम किया है।अभी एक भोजपुरी फिल्म तहार दुपट्टा सरक गईल की शूटिंग जल्द शुरू होने वाली है.
आप छत्तीसगढी फिल्मों में अपना आदर्श किसे मानते है?
छालीवुड में काम करने वाली सभी एक्टर उनके आदर्श है। क्योकि सबसे मुझे कुछ ना कुछ सीखने को ही मिलता है।
क्या आप अपने कामों से संतुष्ट हैं?
हाँ, मैं अपने कामों से पूरी तरह से संतुष्ट हूँ। जुग जुग बंधना मेरे जीवन की सबसे बेहतर फिल्म है।
आप किस कलाकार को फॉलो करते है?
00 मैं किसी की नक़ल नहीं करना चाहते और अपने बलबूते पर ही आगे बढऩा चाहते हैं। सब मेरे लिए अच्छे है पर मै किसी को भी फॉलो नहीं करता।

फिल्म प्रेम के बंधना का इन्तजार

अनुज शर्मा हैं मुख्य भूमिका में
छत्तीसगढ़ फिल्म प्रेम के बंधना में सुपर स्टार अनुज शर्मा सहित कई बड़े कलाकार अपना जलवा दिखाते नजर आएंगे। बिलासपुर के तखतपुर में फिल्म की शूटिंग हुई थी जिसके निर्माता- अशोक सिंह ठाकुर एवं निर्देशक- शिवनरेश केशरवानी हैं । फिल्म में मुख्य भूमिका में अनुज शर्मा, लवली अहमद की जोड़ी एवं सेकेण्ड लीड में बिलासपुर के उभरते कलाकार अशरफ अली और सनम परवीन की जोड़ी नजर आएगी।
सहायक कलाकारों में प्रदीप शर्मा, अनिल शर्मा, उपासना वैष्णव, अरुण बंछोर ,चन्द्रकला तिवारी, धर्मेंद्र चौबे, हेमलाल कौशल, संतोष निषाद, संतोष सारथी, श्वेता शर्मा, सरला सेन , पुष्पेंद्र सिंह जैसे कलाकार हैं. इस फिल्म के निर्देशक शिवनरेश केशरवानी इसके पहले भी मोहनी, और चंदू अऊ चांदनी जैसी बड़ी फिल्म बना चुके हैं।। चंदू अऊ चांदनी में तो उन्होंने बॉलीवुड के तीन बड़े कलाकार स्व.रज्ज़ाक खान, मुश्ताक खान एवं सहजाद खान को लेकर काम कर चुके हैं। और इस बार फिर छत्तीसगढ़ के सभी बड़े स्टार कास्ट को लेकर प्रेम के बंधना बनायें हैं। इस फिल्म की सभी गाने की रिकॉर्डिंग कटक में पूरी की गयी है जिसमे छत्तीसगढ़ के सभी बड़े गायक गायिका के सांथ बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक उदित नारायण ने भी इस फिल्म के गानों को अपने स्वर से सजाया हैं।फिल्म के एक गाने बैंकाक में शूट किये गए हैं.

गुरुवार, 21 सितंबर 2017

मोबाइल ने धीर को बनाया कलाकार

एक्टिंग,रैम्पवॉक , मॉडलिंग में है माहिर
कहतें हैं मोबाइल से खेलना बच्चों के लिए बहुत ही हानिकारक है पर धीर उपारकर एक ऐसा मासूम बालक है जिसे मोबाइल ने ही एक कलाकार बना दिया। मोबाइल से खेलते खेलते धीर उपारकर एक्टिंग, रैम्पवॉक , मॉडलिंग में महारत हासिल कर ली है. मात्रा 4 साल की उमरी में धीर ने कई अवार्ड और सम्मान जीते है.उनके घर में ऐसा कोइ माहौल नहीं है.माँ प्रियंका उपारकर एक गृहणी है और पापा का कला के क्षेत्र से कोइ नाता नहीं है.हाँ स्कूल में धीर जरूर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया करता था.पापा प्रवीण उपारकर बताते है कि धीर को घर में कभी भी ऐसा कोइ माहौल नहीं मिला। बस मोबाइल से खेला करते थे.ऐसा करते करते वह रेनवॉक करने लगा फिर टीवी देखकर कलाकारों का नक़ल करने लगा.कब धीर एक्टिंग में माहिर हो गया पता नहीं चला.उनकी रूचि को देखते हुए स्पर्धाओं में हमने शामिल  कराया उसका परिणाम बेहतर मिला, धीर अब तक कई एवार्ड जीत चुका है.मम्मी प्रियंका उन्हें भरपूर साथ देती है उनका मानना है कि उनकी रूचि कला में है इसलिए जरूरी है कि बच्चो अपने टैलेंट को अपनी विशेषता बनाएं।

सुमन की छालीवुड में धमाकेदार वापसी

 फि़ल्मी दुनिया में ही कॅरियर बनाएगी
- श्रीमती केशर सोनकर
मन में दृढ़ इच्छा और लगन हो तो कोइ भी काम असम्भव नहीं होता। जो मन में ठान ले उसे पूरा करके ही रहता है। यह कर दिखाया है सुमन कोसरे(कश्यप) ने। छत्तीसगढ़ के भिलाईनगर में पली बढ़ी सुमन कोसरे ने अपनी छोटी सी उम्र में एक बढ़ी उपलब्धी हासिल कर ली है। छइयां भुईंया, मयारू भौजी जैसी फिल्मो में काम कर चुकी है। फि़ल्मी दुनिया में कॅरियर बनाने की इच्छा रखने वाली सुमन कहती है कि उनका मकसद
छालीवुड में ही नाम कमाने की है। दूरदर्शन की धारावाहिक से सुमन ने अपने कॅरियर की शुरुवात की थी, फिल्मो में आई फिर आठ साल इस इंडस्ट्री से दूर रही.अब वे फिर छालीवुड में धमाकेदार एंट्री करने जा रही है.चौरां मा गोंदा रसिया, मोर बारी मा पाताल उनका पाह;ला एल्बम है जो खूब धूम मचाई थी.खूबसूरत सुमन ने कला के क्षेत्र में किसी से प्रेरणा नहीं ली है और अपने बलबूते ही बुलंदियां छूने लगी है। सुमन छालीवुड में सभी प्रकार की भूमिका निभाना चाहती है ताकि उन्हें कटु अनुभव हो जाए। वे कहती है कि छत्तीसगढ़ी फिल्मो में गुणवत्ता हो तो जरूर थियेटरों में चलेगी। 7 साल की उम्र में पहला स्टेज शो और 11 साल की उम्र में पहला एल्बम करने वाली सुमन अब फिल्मो में ही अपना देखती है.
0 आपको एक्टिंग का शौक कब से है ?
00 मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। स्कूल में नाटकों में भाग लिया करती थी फिर नाटकों में किया। जब जब टीवी देखती थी तब तब मुझे लगता था कि मुझे भी कुछ करना चाहिए ।
0 छालीवुड की क्या सम्भावनाये है?
00 बेहतर है। आने वाले समय में यहां की फिल्मे बॉलीवुड की तरह ही चलेंगी।यहां फिलहाल दर्शकों की कमी है। लोगो में अपनी भाषा के प्रति वो रूचि नहीं है जो होनी चाहिए । थियेटरों  की कमी को सरकार पूरा करे।
0 तो छालीवुड की फिल्मे दर्शकों को क्यों नहीं खीच पा रही है?
00 क्योकि यहां की फिल्मो में बहुत सारी कमियां होती है। फिल्मो में वो गुणवत्ता नहीं होती जो यहां के लोगो को चाहिए।
0 फिर मौका कैसे मिला और आपके प्रेरणाश्रोत कौन है ?
00 मेरा कोई रोल मॉडल नहीं है। मेरे पापा मम्मी ही मेरे प्रेरणाश्रोत है। लोगो ने मेरा अभिनय देखा और फिल्मो में मौका दिया। पापा रवि कश्यप ही मेरे आदर्श है जो हर पल मेरे साथ होते है।
0 कभी आपने सोचा था की फिल्मो को ही अपना कॅरियर बनाएंगे ?
00 हाँ ! शुरू से ही मै एक्टिंग को कॅरियर बनाने की सोचकर चली हूँ। अब इसी लाईन पर काम करती  रहूंगी।
0  छालीवुड फिल्मो में आपको कैसी भूमिका पसंद है या आप कैसे रोल चाहेंगे।
00  मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगी , लेकिन सीरियस रोल ज्यादा पसंद है।
0 सरकार से आपको क्या अपेक्षाएं हैं?
00 सरकार छालीवुड की मदद करे। टाकीज बनवाए, नियम बनाये। छत्तीसगढ़ी फिल्मो को सब्सिडी दें ताकि कलाकारों को भी अच्छी मेहनताना मिल सके।
0 आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहती हैं?
00 छालीवुड में कुछ करके दिखाना चाहती हूँ। अपने कामो और कला से खूब नाम कमाना चाहती हूँ.

रविवार, 17 सितंबर 2017

छत्तीसगढ़ी फिल्मोंं को प्रचार की जरुरत

- श्रीमती केशर सोनकर 
छॉलीवुड अब टीन एज में प्रवेश कर चुका है। यही वह उम्र होती है जब कोई या तो बन जाता है या फिर बिगड़ जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले 17 सालों में जिसने सबसे अधिक संघर्ष किया है वह छत्तीसगढ़ी फिल्म और यहां के फिल्मों में काम करने वाले कलाकार। राज्य बनने के साथ ही छत्तीसगढ़ी फिल्मों ने भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है।  वर्तमान में जो सिनेमा बन रहा है उसमें कुछ लोग अच्छा कर रहे हैं तो कुछ ग्लैमर की चकाचौंध के आकर्षण में फंस फिल्मों से जुड़ गए है। इसी वजह से दर्शकों को निराशा होती है। व्यावहारिक रूप
छत्तीसगढ़ी फिल्मोंं को प्रचार प्रसार की बहुत ही जरुरत है और इसे ही ध्यान में रखकर ही हमने ''हमर छालीवुड पत्रिका लेकर आये है. हमारा प्रयास यही होगा कि छोटे-बड़े सभी कलाकारों को अपनी पत्रिका के माध्यम से दर्शकों से रूबरू कराएं. प्रचार-प्रसार फिल्मों के लिए सबसे बड़ा माध्यम होता है. बड़े अफ़सोस के साथ कह रही हूँ कि मीडिया में छत्तीसगढ़ी फिल्मों को वो जगह नहीं मिल पाती जो मिलना चाहिए. छत्तीसगढ़ी फिल्मों के समीक्षक, चिंतक विजय मिश्रा ने बॉलीवुड की तर्ज पर छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री को छॉलीवुड का नाम दिया। उनका योगदान अतुलनीय है। पत्रकारों की बात करें तो श्री रमेश पांडे, दिलीप नामपल्लीवार, अरुण बंछोर, हितेश मेहता, विनोद डोंगरे जैसे कुछ नाम है जिन्होंने छॉलीवुड को अपनी लेखनी के माध्यम से आगे बढ़ाने का हमेशा से प्रयास किए है.  छॉलीवुड इन पत्रकारों का शुक्रगुजार है. इसी कड़ी को अब हम आगे बढ़ाने नई पत्रिका लेकर आये हैं जो कलाकारों को खुला मंच प्रदान करेगी. छोटे से छोटे और नए कलाकार तक अपनी जानकारी हमें लिखकर भेजें. हम उन्हें स्थान देंगे. सहयोग चाहेंगे छॉलीवुड से जुड़े सभी लोगों का, जिनके सहयोग से ही हम छॉलीवुड को आगे ले जाने सक्षम हो पाएंगे. फिल्म निर्माता संकट के इस दौर में फिल्म बनाते हैं जो साहस का काम है. उनका हौसला बढ़ाया जाना चाहिए ताकि नए उत्साह और नए संचार से और फिल्म बनाएं.
                                                        
 
से फिल्म मेकिंग जानने के बाद ही निर्माण हो तो अच्छा होगा।

जेठू साहू के खाते में एक और फिल्म "राधे अंगूठा छाप"


छत्तीसगढ़ी फिल्म राधे अंगूठा छाप निर्माण के अंतिम चरण में है. इसके साथ ही निर्माता जेठू साहू के खाते में एक और फिल्म जुड़ जाएगा।जेठू साहू सबसे तेज गति से फिल्म बनाने वाले निर्माता होंगे।खबरों के अनुसार श्री साहू सात फिल्मे एक साथ बना रहे हैं। उनकी पहली फिल्म दीवाना छत्तीसगढिय़ा 2016 की पहली फिल्म थी. छालीवुड के सुपर स्टार करण खान इस फिल्म का निर्देशन कर रहे है और साथ ही इस फिल्म के हीरो भी है. करण ने इसके पहले मोर भाई नंबर वन का किया था। करण ने फिल्म दबंग देहाती का भी निर्देशन अप्रत्यक्ष रूप से किया था.फिल्म राधे अंगूठा छाप में कई नामी कलाकार काम कर रहे हैं. प्रदीप शर्मा, आशीष शेंद्रे, उपासना वैष्णव जैसे कलाकार अपनी भूमिका निभा रहे है.जी,प्रोडक्शन कंट्रोलर-करीम खान , कैमरामेन-जितेन्द्र और उनका स्टाफ,लाईटमेन-बापी दा और उनका स्टाफ, मेकअप मेन-आलेख और उनका स्टाफ,फाईटमास्टर-बीरबल पाणिग्रही है.

नीतेश लहरी का ड्रीम प्रोजेक्ट है आशिक मयावाले

जी आर फिल्म्स का बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट आशिक मयावाले रिलीज के लिए तैयार है और प्रदर्शन से पहले ही सुर्खियों में छा रहा है। हो भी क्यों ना.नंदा सिन्हा, सलीम खान, तान्या तिवारी, उर्वशी साहू, प्रभाकर बर्मन जैसे कलाकारों के बाद फिल्म का चर्चा होना तो बनता है।   नीतेश लहरी ने जिसका यह ड्रीम प्रोजेक्ट है. उनके निर्देशन की परिक्षा भी इसी फिल्म से होना है. वैसे तो नायक की भूमिका निभाने वाले सलीम खान भी दीवाना छत्तीसगढिय़ा जैसे फिल्म कानिर्देशन कर चुके हैं.

नंदा सिन्हा एकदम फिल्म के गेटअप में नजर आते हैं.. कोई शक नहीं आशिक मयावाले बाकी फिल्मों से एकदम ही अलग नजर आने वाले हैं। सूत्रों की मानें तो फिल्म में नंदा और सलीम के बीच धमाकेदार एक्शन सीन भी है जिसके लिए दोनों एक्टर्स ने बेहद मेहनत की है. इस फिल्म में नीतेश लहरी ने अपना पूरा समय और ज्ञान लगाया है उनकी कोशिश रही है की इस फिल्म को नम्बर वन का फिल्म बनाएं इसमें वे सफल भी रहे हैं. यह फिल्म अच्छी बनी है.निश्चित ही नीतेश लहरी को इसका श्रेय जाएगा। यह एक पारिवारिक कॉमेडी फिल्म है.दो दोस्तों की कहानी है जिसमे नंदा सिन्हा और सलीम खान की दोस्ती और दुश्मनी दोनों देखने को मिलेगी। तान्या तिवारी की अदाकारा एक बार फिर बेहतर प्रदर्शन के जरिये लोगो को पसंद आएगा। प्रभाकर बर्मन, उर्वशी साहू को दर्शक कॉमेडी करते लड़ते झगड़ते देखंगे तो खूब मनोरंजन होगा। नंदा सिन्हा ने भी बेहतर अदाकारी से सबका दिल जीतेगा इसमें कोई दो राय नहीं।

प्रदर्शन के लिए तैयार है "लगन मोर सजन से"

 ० अरुण बंछोर
लक्ष्य इंजरटेनमेंट वर्ल्ड एवं आरडी हाडा फिल्मस के बैनर तले बनी छत्तीसगढ़ी फिल्म 'लगन मोर सजन सेÓ अब प्रदर्शन के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस फिल्म में स्टार कास्ट है वही नए कलाकारों पर भी दांव खेला गया है. इसकी शूटिंग बगीचा, अंबिकापुर, मैनपाट, सारासोर, अमृतधारा एवं रायपुर में की गई है। यह फिल्म आम छत्तीसगढ़ी फिल्म से अलग है। इस फिल्म के निर्माण का उद्देश्य सरगुजा की कला संस्कृति एवं पर्यटन को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना है। साथ ही समाज को फिल्म के माध्यम से स्वस्थ मनोरंजन देने का प्रयास किया गया है। फिल्म में पुलिस की साफ-सुथरी भूमिका दिखाई गई है। इस फिल्म में विनय अम्बष्ट, कृष्णानंद तिवारी, अरुण मिश्रा, बाली कुर्रे, नीलम देवांगन, नेहा, संध्या मानिकपुरी, हेमलाल, उपासना बैष्णव, प्रदीप शर्मा, धर्मेंद्र चौबे, पवन गुप्ता, कपूर, राहुल, लक्ष्मी, अनिल, संजय गोस्वामी, नंद केवलियार आदि कलाकारों ने काम किया है। कैमरामैन ,सिनेमेटोग्राफर सिद्धार्थ सिंह ने फि़ल्म को बहुत सुंदर पिरोया है.22  सितम्बर को कई सिनेमाघरों में फिल्म लग रही है.
" लगन मोर सजन से" इस फि़ल्म के ज़रिये छत्तीसगढ़ी सिनेमा में कुछ नया करने करने की कोशिश हमने की है इस फि़ल्म में रोमांस, कॉमेडी, एक्शन, थ्रिलर और संगीत को एक बेहतरीन कहानी में पिरो कर पेश करने का प्रयास है जो उम्मीद है आपको पसंद आएगा।
- वैभव अम्बष्ड निर्देशक

कॉमेडी से भरपूर मनोरंजक फिल्म है" तीन ठन भोकवा "

फिल्म समीक्षा- श्रीमती केशर सोनकर   
छत्तीसगढ़ के सिनेमाघरों में धूम मचा रही फिल्म तीन ठक भोकवा कॉमेडी से भरपूर एक मनोरंजक फिल्म है. पूरी फिल्म में अनुपम भार्गव दर्शकों को हंसाते हुए नजर आते हैं.नायिका प्रगति राव की इस फिल्म से छालीवुड में एंट्री हुई है.नई होने के बावजूद उनका काम ठीक ठाक है.फिल्म को समीक्षकों से काफी अच्छे रिव्यू मिल रहे हैं। तीन ठक भोकवा देखने के लिए आप दिल-दिमाग साथ ले जा सकते हैं। लंबे समय बाद यह ऐसी कॉमेडी है जो धैर्य की परीक्षा नहीं लेती और हंसाने के लिए चुटकुले नहीं उछालती। परिवार-दोस्तों के साथ आप इसका लुत्फ उठा सकते हैं। कोई दृश्य या संवाद बगलें झांकने नहीं देगा। इसका श्रेय निर्देशक अनुपम भार्गव को जाता है। वह कॉमेडी के बढिय़ा फ्लेवर के साथ यह फिल्म लाए हैं। निश्चित ही इसमें अमित चक्रवर्ती और भीखम साव ने उन्हें अच्छा सहयोग दिया। इन तीनों की तिकड़ी की निराश नहीं करती। हालांकि इसमें अनुपम भार्गव दर्शकों के बीच बाजी मार ले जाते हैं। कहानी की खूबसूरती यह है कि सारे किरदार शुरू से अंत तक अपनी भूमिका का निर्वाह करते हैं। कोई बीच में छूटता नहीं। फिल्म में आशिकों की कॉमेडी के साथ
इमोशनल प्यार, लड़ाई-झगड़े और अहंकार का ट्रेक मजेदार है। सभी कलाकारों ने अपने ये रोल बखूबी निभाए हैं। शुरू से अंत तक कहानी जिस सधे अंदाज में बढ़ती है और हरेक सीन दूसरे से बंधा रहता है, वह स्क्रिप्ट पर की गई मेहनत को दर्शाता है। पारिवारिक-मनोरंजक कॉमेडी लिखने के इच्छुक लोगों के लिए यह फिल्म एक गाइड जैसा काम कर सकती है।अनुपम भार्गव फिल्म में अपनी पूरी एनर्जी के साथ मौजूद हैं और उन्होंने अपने दोस्तों को आगे बढऩे में खूब सहारा दिया। यहां संगीत ठीक-ठाक है गीतÓ रोचक है। निश्चित ही यह फिल्म उन दर्शकों के लिए है जिन्होंने लंबे समय से परिवार के साथ साफ-सुथरी कॉमेडी नही देखी।