निशांत उपाध्याय ने अपने जीवन से जुड़ी उपलब्धियों पर खास चर्चा की। उन्होंने बताया कि बचपन से ही डांस करने का उनका शौक रहा पर घर वाले इससे बेहद गुस्से में रहते थे। आये दिन घर में फटकार भी मिला करती थी। वर्ष 1999 के दशक में अपने मुहल्ले में हुए एक स्टेज प्रोग्राम में भाग लिया था और उसमें 'हवा-हवा ऐ हवा खुशबू लुटो देÓ गाने पर उन्होंने डांस किया था। इस प्रोग्राम में उन्हें प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। यहीं से उनके जीवन में बदलाव आया और कुछ सालों के बाद संजय मैथिल के साथ थियेटर ज्वाइन कर लिया। इसके बाद अलबम का दौर आया तो मोहन सुंदरानी ने उन्हें कोरियोग्राफी करने का अवसर प्रदान किया। कुछ दिनों तक उन्होंने फिल्मों में बैकग्राउंड डांसर का भी रोल किया। इसके बाद उनका हुनर बढ़ता ही गया। वर्तमान में निशांत पांच हजार से अधिक गानों की कोरियोग्राफी कर चुके हैं। पिछले 18 सालों से छत्तीसगढ़ में आयोजित होने वाले अवार्ड फंक्शनों में निशांत को बेस्ट कोरियोग्राफर का अवार्ड मिलता आ रहा है। यह उनके लिये बड़ी उपलब्धि है।
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