छालीवुड परदे के बुरे इंसान

उतने ही मिलनसार और अच्छे इंसान होते हैं। खलनायक का पात्र किसी भी फिल्म का मुख्य हिस्सा होता है। खलनायकों के साथ एक विडंबना यह भी होती है, वो अपना काम कितने भी अच्छे से कर जाएं, कभी प्यार नहीं पाते। फिर भी खलनायक बनने की लालसा सबमे होती है। बॉलीवुड में बड़े बड़े नायक भी खलनायक की भूमिका निभा चुके है। आइये हम आपको मिलवाते है छालीवुड के खलनायकों से।
- अरुण कुमार बंछोर

चुके है। आज डॉ अजय सहाय निर्माताओं की पहली पसंद है। वे छोटे बड़े सभी नायकों के साथ काम कर चुके हैं। सन 2014 में वे बेस्ट खलनायक का खिताब हासिल कर चुके है। इसके पहले उन्हें कई अवार्ड मिल चुके हैं।

अभिनय का जादू दिखा चुके हैं। मनमोहन सबसे चर्चित खलनायक हैं। उनकी कला के सब कायल है। हालांकि अब वे नायक की भूमिका में आने लगे है पर उनकी पहचान एक खलनायक के रूप में ही है। कई चार्चित फिल्मों में उनकी तूती बोलती रही है।

धर्मेन्द्र चौबे मुख्य खलनायक की भूमिका में है। इस फिल्म ने एक करोड़ को पार किया था। इतना ही नहीं धर्मेन्द्र चौबे फिल्मो में बुरे इंसान जरूर है पर असल जिंदगी में वे जिंदादिल इंसान और मिलनसार हैं।

नायक ने अमिट छाप छोड़ी है । काशी के कला में दम है। रोबदार आवाज , कुटिल मुस्कान ही उनके अच्छे विलेन होने का सबूत है। काशी ने फिल्म दबंग देहाती में भी मुख्य विलेन का किरदार निभाया है।

यही नहीं पुष्पेन्द्र सिंह को कई कलाओं में महारत हासिल है। इन्होने अब बॉलीवुड की ओर रूख कर लिया है फिर भी छालीवुड के लिए वे हमेशा ही उपलब्द्ध रहेंगे ।


श्री शर्मा ने छत्तीसगढ़ी फिल्मो के अलावा हिंदी ,उडिय़ा,और साउथ की फिल्मो में भी काम किया है। अभी हाल ही में वे हिलण्डी फिल्म आशिक आवारा करके वापस छत्तीसगढ़ लौटे है। विलेन के साथ साथ वे तमाम हीरो हीरोइन के पिता की भूमिका में नजर आ चुके हैं।

पाठक ही है। पाठक जी ने कई छालीवुड की फिल्मों में खलनायक का किरदार निभाकर लोगो के दिलों में अपनी जगह बनाई है। उन्हें खलनायकी ही पसंद है। वे कहते हैं की विलेन ही फिल्म का में किरदार होता है। विलेन ना हो तो फिल्म बेजान होत है।

निगेटिव किरदार निभाने वाले विजय मेहरा फिल्म मितवा में ऐसी खलनायकी की जिससे लोगो में नायक की नहीं बल्कि खलनायक की ज्यादा चर्चा हुई।


खलनायिका का रोल निभा चुके हैं। गुरावट , मया जैसी फिल्मो में निगेटिव रोल करने वाली उपासना वैष्णव ने अब तक, करीब 90 फिल्मे कर चुकी है। उपासना फिल्मो में जितनी क्रूर नजर आती है वास्तविक जिंदगी में उतनी ही मिलनसार और अच्छी महिला है।

भूमिका अदा कर चुकी है। हाल ही में बनी फिल्म दबंग देहाती में भी वे खलनायिका के रूप में लोगो को डराती नजर आएंगी। श्वेता भी वास्तविक जिंदगी में बहुत ही मिलनसार महिला है जो बुरे वक्त में लोगो के साथ खड़ी नजर आती है।

ज्यादा प्रभावी होती हैं। 50 से अधिक फिल्मे कर चुकी उर्वशी साहू को भी निगेटिव रोल ही पसंद है। उनकी आने वाली फिल्म दबंग देहाती है जिसमे वे नायक करण खान की मा की भूमिका में है।

है। उन्होंने कई फिल्मों में विलेन की भूमिका निभा चुके है।मया 2 में भी उनकी भूमिका निगेटिव है और इस भूमिका में उन्होंने जान डाल दी है। मनोजदीप जितने अच्छे विलेन है उतने ही अच्छे कलाकार और कोरियोग्राफर है। निगेटिव किरदार में बुरे इंसान कहलाने वाले मनोज वास्तविक जिंदगी में एक जिंदादिल इंसान है।

छालीवुड के सबसे जल्द लोकप्रिय होने वाले पहले कलाकार है। उनकी कला का लोहा छोटे बड़े सभी मानते है।
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